क्या आप महाकुंभ जा रहे हैं? सावधान रहें, नहीं तो ठग आपको लूटने में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर
कुंभ में करोड़ों की तादात में लोग आते हैं. ऐसे में ठग भी लोगों को ठगने के लिए संकिय हो जाते हैं. ठग लोगों को डिजिटल ठगी का शिकार बनाते हैं. महाकुंभ में आ रहे लोगों को सावधानी बरतनी जरूरी है ताकि वे ठगी का शिकार न हों.
प्रयागराज में आज से महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. इस मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और पर्यटक आते हैं. इस भीड़-भाड़ में ठग भी सक्रिय हो सकते हैं, जो लोगों को डिजिटल ठगी का शिकार बनाते हैं. इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.
डिजिटल पेमेंट करते वक्त बरतें सावधानी
महाकुंभ मेले के दौरान UPI और क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें. ठग अक्सर फर्जी क्यूआर कोड लगाकर लोगों से पैसे ठग लेते हैं. यदि आपको दान या चढ़ावा देना हो, तो क्यूआर कोड की अच्छी तरह से जांच करें.
फर्जी वेबसाइट्स और विज्ञापनों से बचें
mFilterIT के को-फाउंडर धीरज गुप्ता ने बताया कि ठग अक्सर धोखाधड़ी के लिए लुभावने ऑफर्स जैसे टेंट बुकिंग, लॉजिंग या यात्रा सेवाओं के लिए फर्जी वेबसाइट्स और विज्ञापनों का सहारा लेते हैं. एक बार पैसे लेने के बाद, ये ठग गायब हो जाते हैं. इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए आपको इन वेबसाइट्स और फर्जी प्रचारों से सतर्क रहना होगा.
पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल समझदारी से करें
पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते समय सतर्क रहें. यह साइबर अपराधियों को आपके डिवाइस को हैक करने का मौका दे सकता है. बेहतर होगा कि आप पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल कम से कम करें और निजी नेटवर्क का उपयोग करें.
ऑफिशियल वेबसाइट से ही बुकिंग करें
बुकिंग करते समय केवल सरकारी वेबसाइट्स या भरोसेमंद ट्रैवल प्लेटफार्म्स जैसे IRCTC का ही चयन करें. यह सुनिश्चित करें कि वेबसाइट का URL “https://” से शुरू हो.
महाकुंभ पुलिस ऐप डाउनलोड करें
महाकुंभ पुलिस ऐप को डाउनलोड करके आप मेले के दौरान किसी भी ठगी या धोखाधड़ी से बच सकते हैं. ऐप पर समाचार और अलर्ट पर ध्यान दें और किसी भी फर्जी वेबसाइट या ऐप की जानकारी मिलने पर इसकी शिकायत करें.