Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा सीमा पर 21 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी की मौत के बाद से सभी किसीन यूनियन एक्टिव हो गई हैं. इसके साथ ही किसानों ने पुलिस के खिलाफ हत्या के आरोप की मांग करते हुए अपने दो सप्ताह लंबे विरोध प्रदर्शन को तेज कर दिया. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यूनियनें बठिंडा निवासी शुभ करण सिंह की मृत्यु के कारण घोषित दो दिवसीय विराम के बाद दिल्ली तक अपने मार्च को फिर से शुरू करने का निर्णय लेती हैं, जो आज समाप्त हो रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी घोषणा की है शुक्रवार (23 फरवरी) को 'काला दिवस' मनाया जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2025 के लिए 1.89 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया. इसमें सीएम ने उन किसानों को राहत दी है, जिन्होंने कर्ज ले रखा है. सीएम ने ब्याज और जुर्माना माफ करने की भी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने ये ऐलान 31 मई, 2024 तक फसल कर्ज पर मूल राशि का भुगतान करने पर किसानों को ब्याज और जुर्माना माफ करने को लेकर किया गया.
किसान आंदोलन के बीच पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि 'सरकार किसान आंदोलन के दौरान झड़प में मरने वाले किसान के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देगी. साथ ही किसान की छोटी बहन को भी सरकारी नौकरी भी दी जाएगी.'
किसानों ने विरोध प्रदर्शन तेज करने की अपील करते हुए शुक्रवार को 'जन आक्रोश रैली' वहीं, 26 फरवरी को राजमार्गों पर एक राष्ट्रव्यापी ट्रैक्टर रैली और 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक महापंचायत करने का ऐलान किया है. ये ऐलान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा दिया गया था.
एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने चंडीगढ़ में बैठक के बाद कहा हरियाणा 'पुलिस ने पंजाब में प्रवेश किया, हम पर गोलीबारी की और हमारे ट्रैक्टर भी तोड़ दिए. हरियाणा के मुख्यमंत्री और हरियाणा के गृह मंत्री के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. इसकी न्यायिक जांच कराई जाए. 14 मार्च को, दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों की एक महापंचायत आयोजित की जाएगी,
दूसरी तरफ, अंबाला पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 'दिल्ली चलो' मार्च के हिस्से के रूप में शंभू सीमा पर लगाए गए अवरोधों को हटाने के लिए किसानों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों द्वारा अधिकारियों पर पथराव करने, सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नष्ट करने और शांति और व्यवस्था को बाधित करने के प्रयासों की घटनाओं की सूचना दी.
राज्य के अंबाला जिले में हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए), 1980 के तहत प्रदर्शनकारी किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी, उन्होंने कहा कि किसानों के विरोध के दौरान दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए. बयान में कहा गया है कि टकराव के परिणामस्वरूप लगभग 30 अधिकारी घायल हो गए, जिनमें से एक को ब्रेन हैमरेज हुआ और दो लोगों की जान चली गई.
प्रेस विज्ञप्ति में कुछ किसान नेताओं द्वारा सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से उत्तेजक सामग्री फैलाने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के उपयोग पर चिंताओं भी जताई गई. एक अन्य प्रेस बयान में, हरियाणा पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए किसान नेताओं से मुआवजा मांगने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
First Updated : Friday, 23 February 2024