Supreme Court: 16 से 18 साल के बच्चों के बीच सहमति से यौन संबंध पर जनहित याचिका दायर, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

Supreme Court: किशोरों के बीच आपसी सहमति से यौन संबध को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. न्यायालय ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय समेत अन्य विभागों से इस पर जवाब मांगा है.

Lalit Hudda
Edited By: Lalit Hudda

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें कहा गया है कि 16 से 18 साल के किशोर अगर सहमति से यौन संबध बनाते है तो उनके खिलाफ दर्ज किए जाने वाले रेप केस को अपराध के दायरे से हटाने की मांग की गई. इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. शुक्रवार को पीठ ने वकील हर्ष विभोर सिंघल की जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए बोला है. कोर्ट ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय तथा गृह मामलों और राष्ट्रीय महिला आयोग समेत अन्य विभागों को नोटिस भेजा है और अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. 

दरअसल, कानून के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़की की यौन सबंध बनाने के लिए दी गई सहमति को वैध नहीं माना जाता है. अगर कोई 18 साल की लड़की से उसकी सहमति से यौन संबंध बनाता है तो इसके लिए रेप का केस दर्ज किया जा सकता है. इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया. याचिका में कहा गया है कि ऐसे मामलों में 16 से 18 साल के किशोरों के बीच आपसी सहमति से बनाए गए यौन संबंध को अपराध करार देने वाले कानून को खत्म करने की मांग की गई है.

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19 August 2023, 03:29 PM IST

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