घरेलू राजनीति को विदेशी धरती पर लाना पसंद नहीं पीयूष गोयल ने क्यों कही ये बात

Piyush Goyal: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-अमेरिका सीईओ फोरम के दौरान अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो के साथ एक सार्थक बैठक की. इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि वह घरेलू राजनीति को विदेशी धरती पर लाना पसंद नहीं करते. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को लेकर कहा कि राहुल गांधी को अपने देश का अपमान करने का अधिकार है और यह उनकी पसंद है.

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Piyush Goyal: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को विनिर्माण क्षेत्र पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, 'मैं विनिर्माण क्षेत्र की कहानी के बारे में जानकारी की कमी से केवल सहानुभूति रख सकता हूं, क्योंकि मुझे नहीं पता कि वह किस नौकरी के नुकसान की बात कर रहे हैं. वाशिंगटन डीसी में मौजूद पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि पूरा भारत अपने लोगों की समृद्धि बढ़ाने के प्रयासों में एकजुट है और 2047 तक एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनने की दिशा में काम कर रहा है.

पीयूष गोयल ने कहा, 'हम आने वाले सालों में भारत के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'दुख की बात है कि कुछ लोग ऐसे हैं जो भारतीय उद्योग पर चीन के बढ़ते प्रभाव के लिए जिम्मेदार हैं, चीन की प्रशंसा या बचाव करना जारी रखते हैं.' मंत्री ने बताया कि वैश्विक समुदाय अब चीन को एक अपारदर्शी और अपारदर्शी अर्थव्यवस्था के रूप में पहचानता है जो माल की डंपिंग के लिए जाना जाता है.

'चीनी वस्तुओं से भारत को नुकसान'

पीयूष गोयल ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी चीनी वस्तुओं से उत्पन्न सुरक्षा खतरों पर चिंता व्यक्त की है और बैन लगा रहा है. केंद्रीय मंत्री ने चीन के साथ भारत के महत्वपूर्ण व्यापार घाटे पर भी प्रकाश डाला है और इसे शर्म की बात बताई. बता दें कि साल 2004 में लगभग 1.8 बिलियन डॉलर से बढ़कर अगले दशक में 43 बिलियन डॉलर हो गया. गोयल ने कहा कि भारत ने चीनी वस्तुओं को अपने बाजारों में बाढ़ जैसे आने दी, जिससे घरेलू विनिर्माण को नुकसान पहुंचा और निवेशक को नुकसान हुए. उन्होंने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में भारत को जबरन शामिल किये जाने की भी चर्चा की और कहा कि इससे चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौता हो जाता.

महत्वपूर्ण खनिजों पर समझौता

गोयल ने बताया कि भारत और अमेरिका ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुला रखने तथा भारत के खान मंत्रालय और अमेरिकी सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. गोयल 30 सितंबर से यूएसए की यात्रा पर थे जो 3 अक्टूबर को समाप्त हो गई है.

नए औद्योगिक केंद्र बनाने पर इस फोकस से साझा विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देकर आपसी लाभ उत्पन्न होने की उम्मीद है. वाशिंगटन, डीसी में आयोजित बैठक में विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) साझेदारी की संभावना पर प्रकाश डाला गया, जो दोनों देशों में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. First Updated : Friday, 04 October 2024