BRICS summit: प्रधानमंत्री मोदी आज रूस दौरे के लिए रवाना हुए हैं. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं. इसके अलावा, उनकी मुलाकात अन्य ब्रिक्स देशों के नेताओं से भी हो सकती है. हालांकि सबकी नजर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात पर अटकी है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच बातचीत और इस समझौते की औपचारिक पुष्टि दोनों देशों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है..
भारत और चीन के बीच यह सहमति सीमा विवाद को हल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच सीमा विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का रास्ता खुल सकता है. अगर ऐसा होता है तो जल्द ही दोनों देशों के बीच दुश्मनी खत्म हो जाएगी.
पिछले महीने रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए समर्थन के लिए पुतिन ने आभार व्यक्त किया था और उन्हें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. इससे पहले, मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भी मुलाकात की थी और युद्ध के शीघ्र समाधान पर ज़ोर दिया था. यह इस साल पीएम मोदी की रूस की दूसरी यात्रा है. जुलाई में उन्होंने मास्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जहां उन्हें रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया गया था.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन से पहले, एक और महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मिली है. भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए हैं. यह समझौता दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना है. साथ ही, इस मंच पर ब्रिक्स देशों द्वारा की गई पहलों की प्रगति का आकलन और भविष्य के सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान की जाएगी. सम्मेलन में वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, सुरक्षा के मुद्दों और बहुपक्षीय सहयोग पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है. First Updated : Tuesday, 22 October 2024