'जिन्होंने इमरजेंसी लगाई...' संविधान विरोध के बीच पीएम मोदी का इंडिया ब्लॉक पर हमला
PM Modi On Emergency: आज ही के दिन 1975 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दादी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने देशभर में इमरजेंसी लगा दी थी. बीते दिन कांग्रेस ने BJP के खिलाफ प्रोटेस्ट किया, जिसमें उन्होंने की बात की. इसी पर अब पीएम ने वार करते हुए लिखा कि जिन लोगों ने सालों पहले इमरजेंसी लगाई थी उनको कोई हक नहीं कि वो संविधान के बारे में बोलें.
PM Modi On Emergency: इंडिया ब्लॉक द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के खिलाफ संसद परिसर के अंदर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके एक दिन बाद यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने आपातकाल लगाया था, उन्हें संविधान के प्रति अपने प्यार का इज़हार करने का कोई अधिकार नहीं है. आपातकाल लागू होने की बरसी पर पीएम मोदी ने कहा कि काले दिनों ने दिखाया कि कैसे कांग्रेस ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और संविधान को कुचल दिया था.
पीएम मोदी ने लिखा, "आज उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि ''#DarkDaysOfEmergency हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और भारत के संविधान को कुचल दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है.''
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दादी, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाया था, जिसके बाद दो साल से अधिक समय तक अधिकांश नागरिक अधिकारों से वंचित रहे. पीएम मोदी ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने "हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेल बना दिया."
The mindset which led to the imposition of the Emergency is very much alive among the same Party which imposed it. They hide their disdain for the Constitution through their tokenism but the people of India have seen through their antics and that is why they have rejected them…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2024
पीएम ने आगे लिखा कि कि जो लोग कांग्रेस से असहमत थे, उन्हें आपातकाल के दौरान प्रताड़ित किया गया और सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं. "जिन्होंने आपातकाल लगाया, उन्हें हमारे संविधान के प्रति अपने प्यार का इज़हार करने का कोई अधिकार नहीं है. ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया, प्रेस की स्वतंत्रता को नष्ट करने के लिए एक विधेयक लाया.''
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