तहव्वुर राणा पर पीएम मोदी ने 14 साल पहले की थी ये पोस्ट, सोशल मीडिया पर हो रही जमकर वायरल
इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा के भारत प्रत्यर्पण की पुष्टि की थी. एक विशेष विमान तहव्वुर राणा को लेकर कल शाम दिल्ली पहुंचा, एनआईए कोर्ट ने उसे 18 दिनों के लिए आतंकवाद विरोधी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया गया.

आतंकवादी तहव्वुर राणा को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया और उसे कोर्ट 18 दिन की एनआईए की कस्टडी में भेज दिया गया है. 26/11 हमलों को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी राणा से पूछताछ कर रही है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 14 साल पुराना एक ट्वीट वायरल हो रहा है. पीएम मोदी ने 2011 में अपनी पोस्ट में पिछली यूपीए सरकार के नेतृत्व वाली सरकार की विदेश नीति की आलोचना की थी, जब अमेरिका ने तहव्वुर राणा को निर्दोष बताकर भारत की संप्रभुता का अपमान किया था.
एक अमेरिकी अदालत ने 2011 में राणा को हमलों की साजिश रचने में प्रत्यक्ष भूमिका से बरी कर दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे, लेकिन हमलों के लिए जिम्मेदार एक आतंकवादी समूह का समर्थन करने के लिए उसे दोषी ठहराया था. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा था, "मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित करने वाले अमेरिका ने भारत की संप्रभुता को अपमानित किया है और विदेश नीति को बड़ा झटका है.
US declaring Tahawwur Rana innocent in Mumbai attack has disgraced the sovereignty of India & it is a “major foreign policy setback”
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2011
सोशल मीडिया यूजर्स ने की पीएम मोदी की तारीफ
सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को साझा किया और कानून का सामना करने के लिए राणा को सफलतापूर्वक भारत प्रत्यर्पित करने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, "एक नेता जो अपनी बात पर चलता है. कप्तान, मेरे कप्तान." एक अन्य ने कहा, "आपने यह कर दिखाया सर!! बधाई और धन्यवाद!" कई यूजर्स ने ने पोस्ट पर "मोदी है तो मुमकिन है" शब्द दोहराया.
आपको बता दें कि इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा के भारत प्रत्यर्पण की पुष्टि की थी. एक विशेष विमान तहव्वुर राणा को लेकर कल शाम दिल्ली पहुंचा, एनआईए कोर्ट ने उसे 18 दिनों के लिए आतंकवाद विरोधी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया गया.
पाकिस्तानी आर्मी के लिए भी किया है काम
राणा पाकिस्तानी सेना के लिए डॉक्टर के तौर पर काम कर चुका था. उसके पास कनाडा की भी नागरिकता थी. उस पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में अपनी भूमिका के लिए आरोप हैं, जिसमें 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे. अधिकारियों के मुताबिक, उसे आतंकी हमले की जानकारी थी और वह पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों और उनके नेताओं के संपर्क में था.
डेविड हेडली ने किया था खुलासा
मुंबई हमलों के पीछे किसका हाथ था, इसका खुलासा राणा के ही बचपन के दोस्त डेविड हेडली ने किया था. डेविड हेडली ने बताया कि वह राणा के लगातार संपर्क में था और यहां तक कि अपनी गतिविधियों के लिए मुंबई में एक व्यावसायिक कार्यालय खोलने की अनुमति भी ली थी. पूछताछ के दौरान हेडली ने खुलासा किया था कि उसने 2007 और 2008 के बीच पांच बार भारत की यात्रा की थी और मुंबई हमलों के लिए रेकी की थी. राणा ने उसे पांच साल का वीजा दिलाने में मदद की थी. उसने मुंबई हमलों में आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की भूमिका का भी खुलासा किया और कहा कि उसने राणा की मदद से अपनी पहचान छिपाने के लिए एक इमिग्रेशन कंपनी खोली थी.
पत्नी के साथ मुंबई भी गया था राणा
राणा अपनी पत्नी के साथ मुंबई भी गया था और ताज महल होटल में रुका था, जो हमलों का निशाना बना. 2013 में राणा को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2020 में स्वास्थ्य कारणों से उसे रिहा कर दिया गया. भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद उसी साल बाद में उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.


