प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लकड़ी से बनी डांसिंग गर्ल का उद्घाटन और ग्राफिक नोवेल - संग्रहालय में एक दिन, भारतीय संग्रहालयों की निर्देशिका, कर्तव्य पथ के पॉकेट मानचित्र और संग्रहालय कार्ड का विमोचन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में आगामी राष्ट्रीय संग्रहालय के एक वर्चुअल वॉकथ्रू का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'जब हम किसी संग्राहलय में जाते हैं तो ऐसा महसूस होता है कि बीते हुए कल से, उस दौर से हमारा परिचय हो रहा है, साक्षात्कार हो रहा है। म्यूजियम में हमें एक ओर जहां अतीत से प्रेरणाएं मिलती हैं तो दूसरी ओर भविष्य के प्रति अपने कर्तव्यों का बोध भी होता है। आज का यह अवसर भारत की म्यूजियम की दुनिया में एक बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट लेकर आएगा। हमारी कितनी ही पांडुलिपियां और पुस्तकालय गुलामी के कालखंड में जला दिए गए, ये केवल भारत का नहीं पूरी दुनिया और पूरी मानवजाति का नुकसान था।
पीएम मोदी ने कहा कि 'आज इस इंटरनेशनल म्यूज़ियम एक्सपो में इतिहास के विभिन्न अध्याय जैसे-जैसे आधुनिक तकनीक से जुड़ रहे हैं, वे जीवंत होते दिख रहे हैं, कायाकल्प हो रहे हैं। दुर्भाग्य से आजादी के बाद अपनी धरोहरों को संरक्षित करने के जो प्रयास होने चाहिए थे वो हो नहीं पाए, लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने और ज्यादा बढ़ा दिया... इसलिए आजादी के अमृत काल में भारत ने जिन 'पंच प्राणों' की घोषणा की है उसमें प्रमुख है- अपनी विरासत पर गर्व।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'अमृत महोत्सव में हम भारत की धरोहरों को संरक्षित करने के साथ ही नया Cultural Infrastructure भी बना रहे हैं। देश के इन प्रयासों में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भी है और हजारों वर्षों की विरासत भी है। स्वाधीनता संग्राम में अपने जनजातीय समुदाय के योगदान को अमर बनाने के लिए हम 10 विशेष म्यूजियम बना रहे हैं। ये पूरे विश्व में एक ऐसी अनूठी पहल है जिसमें Tribal Diversity की व्यापक झलक दिखने वाली है।
आज का आयोजन निश्चित रूप से 'भारत के संग्रहालय विश्व' में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाएगा। सदियों तक औपनिवेशिक सत्ता के चंगुल में रहने के कारण भारत को कई गंभीर नुकसान हुए, उनमें से एक महत्वपूर्ण लिखित और गैर-लिखित विरासत के खातों को खोना था। आज अमृत काल में भारत ने अपनी विरासत को बचाए रखने का दृढ संकल्प लिया है First Updated : Thursday, 18 May 2023