PM Modi Italy Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज(13 जून) शाम इटली के लिए रवाना हो गए हैं. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर पीएम मोदी 14 जून को जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली जा रहे हैं. शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक भी होगी. इटली की यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि मैं इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा.
मैं विश्व के साथी नेताओं से मिलने और हमारे ग्रह को बेहतर बनाने और लोगों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं. बता दें कि पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर यूरोपीय देश जा रहे हैं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आउटरीच सत्र में वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा. इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाज़िया के लक्जरी रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाए रहने की उम्मीद है.
पीएम मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर मैं 14 जून को जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया क्षेत्र की यात्रा कर रहा हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में उनकी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है".
पीएम मोदी ने कहा, "आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच बेहतर तालमेल लाने तथा वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा."
G7 शिखर सम्मेलन और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका पर, जी8 और जी20 के पूर्व इतालवी शेरपा, राजदूत जियाम्पिएरो मासोलो ने कहा, "भारत एक प्रमुख देश है, दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक है." यह एक विशाल लोकतंत्र है.
जी7 पश्चिमी लोकतंत्रों का एक प्रभावशाली जमावड़ा है. लेकिन इस बार, यह सिर्फ पश्चिमी लोकतंत्रों का जमावड़ा नहीं है. यह एक ऐसा जमावड़ा है जो भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश हिस्सों को शामिल करने की कोशिश करता है. सबसे पहले हम क्या उम्मीद करते हैं, वैश्विक संकट- ऊर्जा परिवर्तन को सुचारू करने के लिए, प्रौद्योगिकी परिवर्तन को सुचारू करने के लिए और एक बहुत गहरे संकट में एकता दिखाने का प्रयास करने का एक तरीका है जो यूक्रेन पर रूसी आक्रमण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पदों को बंद करने की कोशिश का प्रतिनिधित्व करता है." First Updated : Thursday, 13 June 2024