'कुवैत में पीएम मोदी ने किया रामायण और महाभारत के अरबी अनुवादकों से मुलाकात, किताब पर किए हस्ताक्षर!'
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत में रामायण और महाभारत के अरबी अनुवादकों से मुलाकात की. इन किताबों पर उनके हस्ताक्षर ने अनुवादकों के लिए ऐतिहासिक पल बना दिया. मोदी ने इनकी सराहना करते हुए कहा कि ये अनुवाद भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर फैलाने में मदद करेंगे. जानिए, इस दिलचस्प मुलाकात और किताबों पर हस्ताक्षर का क्या महत्व था!
PM Modi In Kuwait: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक मुलाकात की। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने अरबी भाषा में रामायण और महाभारत के अनुवादकों से मुलाकात की। यह मुलाकात न सिर्फ भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने का एक अवसर बनी, बल्कि यह भारतीय साहित्य की वैश्विक पहचान को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण कदम था।
रामायण और महाभारत के अरबी अनुवादक से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत में अब्दुल्ला अल बरून और अब्दुल लतीफ अल नेसेफ से मुलाकात की, जिन्होंने रामायण और महाभारत के अरबी में अनुवाद किए हैं। दोनों ही विद्वानों ने भारतीय महाकाव्यों का अरबी में अनुवाद किया और इसके अरबी संस्करणों को प्रकाशित किया। इन पुस्तकों ने भारतीय संस्कृति और साहित्य को एक नई पहचान दी है, खासतौर पर अरब दुनिया में।
Landed in Kuwait to a warm welcome. This is the first visit by an Indian PM in 43 years, and it will undoubtedly strengthen the India-Kuwait friendship across various sectors. I look forward to the programmes scheduled for later today and tomorrow. pic.twitter.com/nF67yTHS1f
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2024
प्रधानमंत्री ने इन अनुवादकों के कार्य की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इनका काम वाकई में महान है और इससे भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़ेगा। पीएम मोदी ने उनके द्वारा किए गए इस सराहनीय प्रयास के बारे में अपनी प्रसिद्ध "मन की बात" कार्यक्रम में भी चर्चा की थी।
किताबों पर प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात के दौरान दोनों अनुवादकों की किताबों पर अपने हस्ताक्षर भी किए, जो उनके लिए एक सम्मान का पल था। अब्दुल लतीफ अल नेसेफ, जिन्होंने इन पुस्तकों के प्रकाशन का कार्य किया है, ने कहा, “यह मेरे लिए बड़े गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन किताबों पर हस्ताक्षर किए। यह मेरे जीवन का एक बहुत ही खास क्षण है और मैं इसे हमेशा याद रखूंगा।”
सांस्कृतिक महत्व और भारतीय इतिहास की पहचान
प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा में इस मुलाकात ने भारतीय साहित्य और संस्कृति को एक वैश्विक मंच पर लाने का कार्य किया है। इस प्रकार के प्रयास न केवल भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, बल्कि यह भारतीय और अरब देशों के बीच अच्छे रिश्तों का प्रतीक भी बनते हैं।
साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कुवैत में भारतीय इतिहास के एक जीवंत साक्षी, 101 वर्षीय आईएफएस अधिकारी मंगल सेन हांडा से भी मुलाकात की। यह मुलाकात भारतीय इतिहास और संस्कृति को संजोने की दिशा में एक और कदम था।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा कुवैत के साथ सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है, और यह भारतीय साहित्य के अनुवाद के प्रयासों को भी एक नई दिशा देने वाला था।