ASEAN-India Summit: इंडोनेशिया के दौरे से भारत लौटे पीएम मोदी, जी-20 की तैयारियों की समीक्षा के लिए करेंगे बैठक
ASEAN-India Summit: प्रधानमंत्री मोदी बुधवार, (6 सितंबर) को इंडोनेशिया गए थे. जहां उन्होंने संपर्क, व्यापार और डिजिटल बदलाव जैसे मुद्दे पर भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्री प्रस्ताव पेश किया.
ASEAN-India Summit: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद पीएम मोदी गुरुवार, (7 सितंबर) की शाम दिल्ली वापस लौट आए. इसके बाद वह कुछ ही देर में काउंसिल ऑफ मिनिस्टर की बैठक लेंगे. इस बैठक में जी-20 समिट से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करेंगे. यह बैठक सुषमा स्वराज भवन में की जाएगी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी बुधवार, (6 सितंबर) को इंडोनेशिया गए थे. जहां उन्होंने संपर्क, व्यापार और डिजिटल बदलाव जैसे मुद्दे पर भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्री प्रस्ताव पेश किया. इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी के बाद एक नियम आधारित विश्व व्यवस्था बनाने का आह्वान भी किया.
आर्थिक कॉरिडोर की स्थापना को लेकर पीएम ने रखी बात
इंडोनेशिया की राजधानी में आयोजित आसियान-भारतीय शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने दक्षिण-पूर्वी एशिया-भारत-पश्चिमी एशिया-यूरोप को जोड़ने वाले एक मल्टी-मॉडल संपर्क और आर्थिक कॉरिडोर की स्थापना को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी. साथ ही आसियान देशों के साथ भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) को साझा करने की पेशकश की.
पीएम मोदी द्वारा पेश किए गए 12 सूत्री प्रस्ताव के तहत आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण और साइबर दुष्प्रचार के खिलाफ सामूहिक लड़ाई और ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने का ऐलान किया. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शिखर सम्मेलन में समुद्री सहयोग और खाद्य सुरक्षा पर दो संयुक्त बयानों पर भी सहमती बनी है.
21वीं सदी एशिया की सदी है- पीएम मोदी
आपको बता दें कि आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है. भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं. अपने आरंभिक संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आसियान भारत की हिंद-प्रशांत पहल में एक प्रमुख स्थान रखता है और नई दिल्ली इसके साथ 'कंधे से कंधा' मिलाकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, "21वीं सदी एशिया की सदी है. यह हमारी सदी है.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि कोविड-19 के बाद नियम आधारित विश्व व्यवस्था का निर्माण करना और मानव कल्याण के लिए सभी के प्रयासों की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने इस बात की भी पुष्टि की कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्रीय स्तंभ है और यह आसियान की केंद्रीयता और हिंद-प्रशांत पर उसके दृष्टिकोण का पूरी तरह से समर्थन करता है.