गांधीनगर में बोले PM मोदी- भारत, 21वीं सदी की आधुनिक आवश्कताओं के मुताबिक नई व्यवस्थाओं का कर रहा निर्माण

आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात की राजधानी गांधीनगर के दौरे पर हैं। पीएम मोदी आज सुबह लगभग 10 बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरे और यहां से गांधीनगर पहुंचे। शाम के 5 बजे तक वे गांधीनगर में पांच अलग- अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे.

Sagar Dwivedi
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हाइलाइट

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन में शामिल हुए

आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात की राजधानी गांधीनगर के दौरे पर हैं। पीएम मोदी आज सुबह लगभग 10 बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरे और यहां से गांधीनगर पहुंचे। शाम के 5 बजे तक वे गांधीनगर में पांच अलग- अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इस बीच करीब 2000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार ग्रामीण और शहरी आवास का भी लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन में शामिल हुए।

गांधीनगर में पीएम मोदी ने कहा कि 'गुजरात में रहते हुए मेरा प्राथमिक शिक्षकों के साथ मिलकर राज्य की पूरी शिक्षा व्यवस्था को बदलने का अनुभव रहा है। एक जमाने में गुजरात में ड्रॉप आउट रेट करीब 40% के आस-पास हुआ करता था और आज 3% से भी कम रह गई है। ये गुजरात के शिक्षकों के सहयोग से ही संभव हुआ है। गुजरात में शिक्षकों के साथ मेरे जो अनुभव रहे, उसने राष्ट्रीय स्तर पर भी नीतियां बनाने में हमारी काफी मदद की है। जैसे- स्कूलों में शौचालय न होने के कारण बड़ी संख्या में बेटियां स्कूल छोड़ देती थीं। इसलिए हमने विशेष अभियान चलाकर स्कूलों में बेटियों के लिए अलग से शौचालय बनवाए।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री बनने के बाद मेरी पहली विदेश यात्रा भूटान की हुई थी और भूटान राज परिवार के सीनियर ने मुझे गर्व से बताया कि मेरी पीढ़ी के जितने लोग भूटान में हैं, उन सब को हिंदुस्तान के शिक्षकों ने पढ़ाया-लिखाया है। ऐसे ही जब मैं सऊदी अरब गया तो वहां के किंग ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं क्योंकि बचपन में मेरा शिक्षक तुम्हारे देश का था… तुम्हारे गुजरात का था। एक समय था जब शिक्षक संसाधनों और बुनियादी ढांचे की मौजूदा कमी की चुनौती का अनुभव करते थे, न कि छात्रों की ओर से चुनौती का। अब समय आ गया है जब संसाधनों और बुनियादी ढांचे की जरूरत पूरी हो रही है लेकिन छात्रों की जिज्ञासा अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी एक नई चुनौती बन रही है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'आज की पीढ़ी के छात्रों की जिज्ञासा, उनका कौतूहल, एक नया चैलेंज लेकर आया है। ये छात्र आत्मविश्वास से भरे हैं, वो निडर हैं। उनका स्वभाव टीचर को चुनौती देता है कि वो शिक्षा के पारंपरिक तौर-तरीकों से बाहर निकलें। छात्रों के पास Information के अलग-अलग स्रोत हैं। इसने भी शिक्षकों के सामने खुद को update रखने की चुनौती पेश की है। इन चुनौतियों को एक टीचर कैसे हल करता है, इसी पर हमारी शिक्षा व्यवस्था का भविष्य निर्भर करता है। सबसे अच्छा तरीका ये है कि इन चुनौतियों को personal और professional growth अवसर के तौर पर देखा जाए। ये चुनौतियां हमें learn, unlearn और re-learn करने का मौका देती हैं।'

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12 May 2023, 11:42 AM IST

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