आजादी का अमृत काल देश की विविधताओं का संगम काल, काशी-तेलुगु संगमम में बोले पीएम मोदी

वाराणसी में आज से काशी-तेलुगु संगमम का आयोजन शुरू हो गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मैंने कहा था कि यह आजादी का अमृत काल देश की विविधताओं का संगम काल होगा।

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धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में 29 अप्रैल को 12 दिन तक चलने वाले काशी-तेलुगू संगमम का आगाज हो गया। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली रूप से इसमें भाग लिया है। वहीं काशी में तेलुगू संगमम में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में तेलुगू भाषी भी काशी पहुंचे है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि 'मैंने कहा था कि यह आजादी का अमृत काल देश की विविधताओं का संगम काल होगा।'  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी-तेलुगू संगमम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि "विविधताओं के इन संगमों से राष्ट्रीयता का अमृत निकल रहा है जो भारत को अनंत भविष्य तक ऊर्जावान रखेगा। काशी से जुड़ा हर व्यक्ति जानता है कि काशी और काशी वासियों का तेलगू लोगों से कितना रिश्ता है। जैसे ही काशी में कोई तेलगू व्यक्ति आता है। कई काशी वासियों को लगता है कि उनके परिवार का ही कोई सदस्य आ गया है।" 

'देश की विविधताओं का संगम काल'

पीएम मोदी ने कहा कि "ये भारत की प्राचीन सभ्यताओं संस्कृतियों और परंपराओं के संगम का उत्सव है। कुछ महीने पहले यहीं काशी की धरती पर काशी तमिल संगमम का भी आयोजन भी हुआ था। अभी कुछ ही दिन पहले मुझे सौराष्ट्र तमिल संगम में भी शामिल होने का अवसर मिला था। तब मैंने कहा था ये अमृतकाल देश की विविधताओं का संगम काल है।" उन्होंने कहा कि "जैसे काशी ने तेलुगु लोगों को अपनाया, आत्मसात किया। वैसे ही तेलुगु लोगों ने काशी को अपनी आत्मा से जोड़कर रखा है। यहां तक कि पवित्र तीर्थ वेमुलावाड़ा को भी दक्षिण काशी कहकर बुलाया जाता है।"

काशी का हुआ कायाकल्प 

पीएम मोदी ने कहा कि "एक समय था, जब काशी की सड़कें बिजली की तारों से भरी रहती थी। आज काशी में ज्यादातर जगहों पर बिजली की तारें अंडरग्राउंड हो चुकी हैं। आज काशी के अनेकों कुंड हों, मंदिरों तक आने जाने का रास्ता हों, काशी के तीर्थ स्थल हों, सबका कायाकल्प हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि अब तो गंगा जी में सीएनजी वाली नाव भी चलने लगी हैं।"  First Updated : Sunday, 30 April 2023