क्लाइमेट चेंज' पर बोले PM मोदी- भारत जलवायु परिवर्तन से निपाटने के लिए भारत रास्ता दिखाता है
हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज' पर पीएम मोदी ने कहा कि अकेले कॉन्फ्रेंस रूम से जलवायू परिवर्तन से नहीं लड़ा जा सकता है हर घर में खाने टेबल से इसके खिलाफ जंग लड़नी होगी।
विश्व बैंक में हाउ वेहिवियरल चेंज शीर्षक वाली लाइफ पहल पर आज वीडियों कॉन्फ्रेंस के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'सम्मेलन की मेज से जलवायु परिवर्तन से नहीं लड़ा जा सकता है। इसकी शुरुआत डिनर टेबल से करनी होगी। चाणक्य ने एक बार कहा था, "पानी की छोटी-छोटी बूंदें जब एक साथ आती हैं, तो एक घड़ा भर जाता है", इसी तरह ज्ञान, अच्छे कर्म या धन धीरे-धीरे जुड़ते हैं। जब लाखों लोग हमारे ग्रह के लिए सही निर्णय लेते हैं, तो इसका प्रभाव बहुत बड़ा होता है।"
हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज' पर पीएम मोदी ने कहा कि "मिशन LiFE के तहत, स्थानीय निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने, स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, प्राकृतिक खेती या बाजरा को बढ़ावा देने के द्वारा हमारे प्रयास कई क्षेत्रों में फैले हुए हैं। जलवायु वित्त के क्षेत्र में दुनिया भर के देशों को प्रोत्साहित करने में वैश्विक संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्लाइमेट चेंज से अकेले कॉन्फ्रेंस टेबल से नहीं लड़ा जा सकता।
हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज' पर पीएम मोदी ने कहा कि इसे हर घर में डिनर टेबल से लड़ना होगा। जब विचार चर्चा की मेज से खाने की मेज पर जाते हैं, तो यह एक जन आंदोलन बन जाता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व बैंक के कार्यक्रम 'मेकिंग इट पर्सनल। जन आंदोलनों और व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता है... भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने का रास्ता दिखाता है। चाहे वह मिशन लाइफ हो, एलईडी बल्ब का उपयोग, सूक्ष्म सिंचाई, प्राकृतिक खेती या बाजरा को बढ़ावा देना।