Narendra Modi: कांग्रेस ने 'संवेदनहीनता' से एक खास द्वीप श्रीलंका को दिया, प्रधानमंत्री का विपक्ष पर हमला
Narendra Modi: एक आरटीआई रिपोर्ट में यह खुलासा होने के बाद कि कैसे कांग्रेस ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दल पर हमला बोला.
Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1970 के दशक में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपने के फैसले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. इसके साथ ही पीएम ने पार्टी पर देश की अखंडता और हितों को 'कमजोर' करने का आरोप लगाया.पीएम मोदी की प्रतिक्रिया सूचना के अधिकार (आरटीआई) रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें खुलासा हुआ है कि कैसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था.
''कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता''
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया सूचना के अधिकार (आरटीआई) रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें खुलासा हुआ है कि कैसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था. आरटीआई रिपोर्ट को पीएम ने आंखें खोलने वाली और चौंकाने वाली बताया. इसके साथ ही पीएम ने कहा कि इसको देखते हुए कभी भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते हैं.''
Eye opening and startling!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 31, 2024
New facts reveal how Congress callously gave away #Katchatheevu.
This has angered every Indian and reaffirmed in people’s minds- we can’t ever trust Congress!
Weakening India’s unity, integrity and interests has been Congress’ way of working for…
भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर किया
पीएम ने एक्स पर लिखा कि आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने कैसे कच्चातिवु को दान कर दिया. कांग्रेस की इस हरकत ने भारतीयों को नाराज किया है. इससे लोगों के मन में एक बार फिर से साख हो गया कि वो कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते है. पीएम ने आगे लिखा कि कांग्रेस ने भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर किया है.''
कच्चाथीवू द्वीप वह स्थान है जहां तमिलनाडु के रामेश्वरम जैसे जिलों के मछुआरे जाते हैं क्योंकि भारतीय जल में मछलियां खत्म हो गई हैं. मछुआरे द्वीप तक पहुंचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करते हैं लेकिन श्रीलंकाई नौसेना द्वारा हिरासत में ले लिए जाते हैं.
आपको बता दें कि यह रिपोर्ट तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई द्वारा 1974 में पाक जलडमरूमध्य के क्षेत्र को पड़ोसी देश को सौंपने के तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के फैसले पर प्राप्त एक आरटीआई जवाब पर आधारित है.