प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2002 में गुजरात के गोधरा दंगों पर खुलकर बात की. पीएम मोदी ने कहा कि जब वह पहली बार विधायक बने थे, तब सिर्फ तीन दिन बाद ही गोधरा में दंगे हो गए. दंगे की खबर सुनते ही उन्होंने गोधरा जाने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से गोधरा की सच्चाई देखी और वहां की तस्वीरें बहुत दर्दनाक थीं. उन्हें बताया गया था कि ट्रेन में आग लग गई थी.
पीएम मोदी ने बताया कि गोधरा में पांच जगहों पर बम ब्लास्ट हुए थे. उन्होंने कहा, "आप सोच सकते हैं उस समय क्या स्थिति रही होगी." पीएम मोदी ने अपनी सुरक्षा टीम से कहा कि वह पुलिस कंट्रोल रूम जाना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें वहां जाने से मना कर दिया गया. इसके बावजूद, मोदी ने कहा कि वह वहां जाएंगे और अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए घायलों को देखने अस्पताल पहुंचे.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनके अंदर जिम्मेदारी का बहुत बड़ा भाव था. उन्होंने कहा, "मैं 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना और 27 फरवरी को विधानसभा में गया. लेकिन विधायक बने तीन दिन भी नहीं हुए थे कि गोधरा कांड हो गए." उस समय वह विधानसभा में थे और जैसे ही वहां से बाहर आए, उन्होंने गोधरा जाने की इच्छा जताई. वह वरोदरा गए और वहां से हेलीकॉप्टर से गोधरा जाने की कोशिश की. लेकिन अधिकारियों ने उन्हें बताया कि हेलीकॉप्टर में वीआईपी को ही लिया जा सकता है. मोदी ने कहा, "मैंने उनसे कहा कि मैं कोई वीआईपी नहीं हूं और अगर कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी मेरी होगी. इसके बाद मुझे हेलीकॉप्टर से गोधरा ले जाने के लिए राजी हो गए." First Updated : Friday, 10 January 2025