ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी का ऐतिहासिक बयान, आतंकवाद पर अब कोई दोहरा मापदंड नहीं!

BRICS: रूस में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों जैसे युद्ध और आतंकवाद पर महत्वपूर्ण बातें कीं. उन्होंने दोहरे मापदंडों की आलोचना करते हुए सभी देशों को एकजुट होने की अपील की. मोदी ने कहा कि समस्या का समाधान संवाद और कूटनीति से होना चाहिए. जानें, मोदी के इस बयान का क्या अर्थ है और कैसे ब्रिक्स देशों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखा सकते हैं.

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Edited By: JBT Desk

BRICS: रूस के कजान में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने युद्ध, संघर्ष और आतंकवाद की चुनौतियों का सामना करने के लिए संवाद और कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि दुनिया इन समस्याओं से जूझ रही है और इसके समाधान के लिए सभी ब्रिक्स देशों को एकजुट होना जरूरी है.

मोदी ने खासकर आतंकवाद और इसके वित्तपोषण पर दोहरे मापदंड अपनाने वाले देशों को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि सभी देशों को इस खतरे का सामना एकजुट होकर करना होगा. उनका यह बयान ब्रिक्स देशों के लिए एक संकेत है कि अब कोई भी देश आतंकवाद के मुद्दे पर आधे-अधूरे कदम नहीं उठा सकता. उन्होंने कहा, 'इस गंभीर मामले पर कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए.'

रूस-यूक्रेन विवाद का समाधान
प्रधानमंत्री ने रूस-यूक्रेन विवाद का समाधान भी बातचीत से करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'भारत युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है.' मोदी ने युद्ध, आर्थिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चिंता जताते हुए कहा कि ब्रिक्स को विश्व को सही दिशा में ले जाने में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए.

युवाओं में कट्टरपंथ के खिलाफ कदम

मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस वैश्विक प्रयासों की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि समूह के देशों को युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने होंगे. 'हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में व्यापक समझौते पर मिलकर काम करना होगा,' उन्होंने कहा.

साइबर सुरक्षा और AI पर ध्यान

पीएम मोदी ने साइबर सुरक्षा और एआई से जुड़े खतरों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमें साइबर क्राइम और डीप फेक जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक स्तर पर काम करने की जरूरत है. उनका यह बयान ब्रिक्स के नए सदस्यों के स्वागत के साथ आया, जिसमें उन्होंने कहा कि सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता भी उठाई. उन्होंने कहा, 'हमें इन संस्थानों में सुधारों पर समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए.' मोदी ने यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि ब्रिक्स संगठन वैश्विक संस्थानों को बदलने की कोशिश नहीं कर रहा, बल्कि उन्हें सुधारने की दिशा में काम कर रहा है.

पीएम मोदी का यह बयान न केवल ब्रिक्स देशों के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है. उनके विचार इस बात की पुष्टि करते हैं कि संवाद और सहयोग ही आज की सबसे बड़ी जरूरत है.

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23 October 2024, 06:11 PM IST

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