PM Modi: संसद सत्र के तीसरे दिन यानि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में अपने जवाब के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की. इसके साथ ही पीएम ने कांग्रेस और विपक्ष पर भी निशाना साधा. पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मणिपुर में हिंसा लगातार कम हो रही है और राज्य के अधिकांश हिस्सों में स्कूल फिर से खुल गए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्ण शांति की वापसी सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सभी पक्षों से बातचीत कर रही हैं. बीते साल (2023), 3 मई से मणिपुर में दो समुदायों कुकी और मैतेई के बीच संघर्ष चल रहा है, जिसमें अब तक कम से कम 225 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 50,000 लोग बेघर हुए हैं, जिनमें से कई लोग अभी भी राहत केंद्रों में रह रहे हैं.
1- पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि "सरकार मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए लगातार काम कर रही है. राज्य में जो कुछ भी हुआ. उसके खिलाफ 11,000 से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज की गईं, 500 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया. हमें यह स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में हिंसा की घटनाओं में लगातार कमी आ रही है. मणिपुर के ज़्यादातर हिस्सों में आज स्कूल, कॉलेज और दफ़्तर खुले हैं."
2- पीएम ने आगे कहा "केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) कई हफ्ते तक वहां रहे. केंद्र सरकार मणिपुर में चल रही बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव सहयोग कर रही है. आज एनडीआरएफ की दो टीमें मणिपुर पहुंच गई हैं. मैं चेतावनी देता हूं कि जो लोग आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें मणिपुर नकार देगा. कांग्रेस ने मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाया था."
3- पीएम ने कहा, "राजनीति को पीछे छोड़कर हमें मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सहयोग करना चाहिए. “राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में देश की जनता के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन तो था ही, साथ ही सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी थी.”
4- मोदी ने कहा, "लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया है. मुझे लोगों की बुद्धिमत्ता पर गर्व है क्योंकि उन्होंने इन चुनावों (लोकसभा चुनावों) में दुष्प्रचार को परास्त कर दिया है. देश की जनता ने काम को अहमियत दी है. लोगों ने भ्रम की राजनीति को नकार दिया है और भरोसे की राजनीति पर जीत की मुहर लगाई है. "
5- पीएम ने कहा, "मुझे याद है कि जब मैंने लोकसभा में कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे. मुझे आश्चर्य है कि जो लोग अब संविधान की प्रति लेकर कूद रहे हैं (विपक्ष) उन्होंने तब इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि जब 26 जनवरी पहले से ही है तो संविधान दिवस लाने की क्या जरूरत थी."
6- मोदी ने कहा, "मैं चुनावों के दौरान देश के लोगों से कहता था कि हमने पिछले 10 सालों में जो काम किया है. वह हमारे सपनों और संकल्पों के अनुरूप सिर्फ एक भूख बढ़ाने वाला काम है, मुख्य काम तो अभी शुरू हुआ है. "
7- पीएम ने कहा, "विपक्ष ने भारतीय संविधान को चुनौती दी है. उन्होंने भारतीय संविधान की भावना का अपमान किया है. उन्होंने जो शपथ ली है, उसका उन्होंने अनादर किया है."
8- मोदी ने कहा, "वे 140 करोड़ देशवासियों द्वारा दिए गए जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं. कल उनके सारे प्रयास विफल हो गए, इसलिए आज उनमें उस लड़ाई को लड़ने की ताकत नहीं बची. इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए हैं."
9- पीएम ने कहा, "महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दे पर विपक्ष का रवैया बहुत चिंताजनक है. मैं राज्यसभा अध्यक्ष के माध्यम से देश को बताना चाहता हूं कि मैं किसी राज्य के खिलाफ या कोई राजनीतिक लाभ लेने के लिए नहीं बोल रहा हूं."
इस दौरान पीएम ने कहा, "कुछ दिन पहले, मैंने सोशल मीडिया पर बंगाल का एक वीडियो देखा. जिसमें एक महिला को सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा था, कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया, बल्कि वे वीडियो बना रहे थे. और जो लोग खुद को प्रगतिशील (टीएमसी) महिला नेता मानती हैं, वे भी सिर्फ इसलिए चुप हैं क्योंकि उनका एक खास पार्टी या एक राज्य से संबंध है. इससे न सिर्फ देश के लोगों को ठेस पहुंची है, बल्कि हमारी माताओं और बहनों को इससे कहीं ज्यादा तकलीफ हुई है." First Updated : Wednesday, 03 July 2024