'PM मोदी पिछले जन्म में थे शिवाजी महाराज' बीजेपी सांसद के बयान पर मचा घमासान
छत्रपति शिवा से जुड़े बयान को लेकर बीजेपी सांसद प्रदीप पुरोहित विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. विपक्षी नेताओं ने बीजेपी सांसद के साथ ही पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. एक नेता ने कहा कि बीजेपी और उनके नेता लगातार शिवाजी महाराज का अपमान करने की कोशिश करते हैं. दरअसल, एक बयान में उन्होंने कहा था कि PM मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी महाराज थे.

PM Modi: BJP सांसद प्रदीप पुरोहित के एक विवादास्पद बयान ने तूल पकड़ लिया है. जिस बयान में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी महाराज बताया था. यह बयान जैसे ही मीडिया में आया, विपक्ष ने इसे लेकर आक्रोश व्यक्त किया. पुरोहित के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी तीखी आलोचना शुरू हो गई और यह मुद्दा राजनीतिक विवाद में बदल गया.
BJP सांसद ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करना नहीं था. उन्होंने बताया कि यह बयान संसद में एक चर्चा के दौरान दिया था. पुरोहित ने विस्तार से बताया कि वे एक बार बरगढ़ में एक संत के आश्रम गए थे, जहां संत ने उनसे प्रधानमंत्री मोदी के बारे में पूछा. इस पर पुरोहित ने जवाब दिया कि मोदी राष्ट्र निर्माण के लिए काम कर रहे हैं. इसके बाद संत ने उन्हें बताया कि मोदी पिछले जन्म में शिवाजी महाराज थे और इस जन्म में नरेंद्र मोदी के रूप में आए हैं. पुरोहित ने यह भी कहा कि उनका मकसद सिर्फ यह था कि वे प्रधानमंत्री मोदी की सेवा और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को उजागर करें.
शिवाजी महाराज को अपमानित करने का आरोप
हालांकि, विपक्षी नेताओं ने इस बयान का तीखा विरोध किया. कांग्रेस सांसद वर्षा एकनाथ गायकवाड़ ने पुरोहित के बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान कर रही है और यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. गायकवाड़ ने यह भी कहा कि मोदी के सिर पर शिवाजी महाराज की टोपी रखकर उनका अपमान किया जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गायकवाड़ ने प्रधानमंत्री मोदी से सार्वजनिक माफी की मांग की और पुरोहित के खिलाफ कार्रवाई की भी अपील की.
बीजेपी सांसद ने दी सफाई
पुरोहित ने अपनी सफाई में यह भी कहा कि उनका बयान किसी भी तरह से शिवाजी महाराज के अपमान का इरादा नहीं था और वे हमेशा उनका सम्मान करते हैं. हालांकि, इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और आने वाले दिनों में इस पर और अधिक बहस हो सकती है.