PM Modi will visit Laos: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10-11 अक्टूबर को लाओस की यात्रा करेंगे, जहां वे आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. यह यात्रा भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच सहयोग और आर्थिक संबंधों को और गहरा करने के उद्देश्य से की जा रही है. लाओस, जो इस समय 10 सदस्यीय आसियान समूह का अध्यक्ष है, ने प्रधानमंत्री मोदी को वियनतियाने आने का निमंत्रण दिया है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन शिखर सम्मेलनों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की कई द्विपक्षीय बैठकों की भी संभावना है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आसियान-भारत शिखर सम्मेलन भारत और आसियान के बीच संबंधों को गहरा करने का मुख्य मंच है. आसियान के प्रमुख सदस्य देशों में सिंगापुर, इंडोनेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे भारत के महत्वपूर्ण साझेदार शामिल हैं. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, रूस और अमेरिका जैसे प्रमुख देश भी भाग लेंगे, जो इस क्षेत्रीय सहयोग के महत्व को और बढ़ाता है.
इस साल भारत 'एक्ट ईस्ट' नीति की 10वीं वर्षगांठ मना रहा है, जो आसियान के साथ भारत के संबंधों का केंद्रीय स्तंभ है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह नीति भारत के इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की भी अटकलें हैं, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्षों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग की समीक्षा की जाएगी. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श का अवसर मिलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने हाल के महीनों में वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और सिंगापुर के नेताओं से मुलाकात कर इन क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा किया है.
भारत और सिंगापुर ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके साथ ही, कंबोडिया और ब्रुनेई के बीच सीधी उड़ानों की शुरुआत और वियतनाम में एक सॉफ्टवेयर पार्क की स्थापना, भारत की इस क्षेत्र में बढ़ती उपस्थिति को दर्शाती है. भारत ने हाल ही में तूफान यागी के बाद लाओस और वियतनाम को 45 टन मानवीय सहायता प्रदान की, जिससे इन देशों के साथ उसके संबंध और मजबूत हुए हैं. First Updated : Tuesday, 08 October 2024