दुश्मनों की उड़ने वाली है नींद! समुद्र में बढ़ा भारत का दबदबा, भारतीय नौसेना में 3 ‘महाबली’ युद्धपोत शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के तीन महत्वपूर्ण युद्धपोत—आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर—देश को समर्पित करेंगे. स्वदेशी तकनीक से बने ये युद्धपोत आधुनिक तकनीकों से लैस हैं और भारत की सुरक्षा और समुद्री ताकत को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. तो चलिए इन तीनो युद्धपोत के बारे में जानते हैं.
आज का दिन भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक दिन है. आज भारतीय नौसेना को एक साथ तीन महाबली मिलने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में तीन शक्तिशाली युद्धपोत—आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि, और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर—देश को समर्पित किए. ये स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बी भारत की समुद्री ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
आपको बता दें कि आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि, और आईएनएस वाघशीर के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होगा. ये युद्धपोत स्वदेशी निर्माण का उत्कृष्ट उदाहरण हैं और मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में डिजाइन और निर्मित किए गए हैं. आईएनएस सूरत स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर है, आईएनएस नीलगिरि प्रोजेक्ट 17ए की पहली स्टेल्थ फ्रिगेट है, और आईएनएस वाघशीर एक स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बी है.
क्या है आईएनएस सूरत?
यह प्रोजेक्ट 15 बी का चौथा और अंतिम स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर है. इसकी नींव 2019 में रखी गई थी और 2022 में इसे लॉन्च किया गया.इसकी खासियत की बात करें तो इस युद्धपोत का वजन 7,400 टन और लंबाई 164 मीटर है. यह स्टेल्थ तकनीक से लैस, जिससे इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल है. सतह-से-सतह और सतह-से-हवा मिसाइलों, टॉरपीडो, और उन्नत रडार सिस्टम से सुसज्जित है. इसमें‘कंबाइंड गैस एंड गैस’(COGAG) प्रोपल्शन सिस्टम है जो इसे 30 नॉट्स (56 किमी/घंटा) की रफ्तार तक ले जाता है.
क्या है आईएनएस नीलगिरि?
यह प्रोजेक्ट 17ए का पहला स्टेल्थ फ्रिगेट है. इसे 2019 में लॉन्च और 2024 में सफल परीक्षणों के बाद इसे नौसेना में शामिल किया गया. आईएनएस नीलगिरि की खासियत की बात करें तो इसका वजन 6,670 टन और लंबाई 149 मीटर है. रडार सिग्नेचर को कम करने वाली डिज़ाइन. यह ब्लू वॉटर ऑपरेशन के लिए तैयार किया गया है जो पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने में सक्षम है. सुपरसोनिक सतह-से-सतह मिसाइल और मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइल से लैस है. इसके अलावा इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) जैसी आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है.
क्या है आईएनएस वाघशीर?
आईएनएस वाघशीर स्कॉर्पीन-क्लास प्रोजेक्ट 75 की छठी और अंतिम डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है. इसे मॉड्यूलर तकनीक से बनाया गया है.यह 67 मीटर लंबी है जिसका वजन 1,550 टन है. वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और उन्नत सोनार सिस्टम से लैस है. इसके पास सतह और पानी के नीचे लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता है. इसके साथ ही भविष्य में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक जोड़ने की क्षमता. वहीं दुश्मन के इलाके में गुप्त रूप से काम करने में भी सक्षम है.
महिला अधिकारियों के लिए खास सुविधाएं
आईएनएस सूरत और आईएनएस नीलगिरि में महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष आवासीय सुविधाएं दी गई हैं. यह कदम नौसेना में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने का प्रतीक है.
भारत की बढ़ी ताकत
आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि, और आईएनएस वाघशीर का नौसेना में शामिल होना भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए मील का पत्थर है. ये आधुनिक युद्धपोत और पनडुब्बी पारंपरिक और नए खतरों से निपटने में सक्षम हैं. भारतीय नौसेना की इस शक्ति वृद्धि से न केवल दुश्मनों पर दबाव बढ़ेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की सैन्य ताकत को भी मजबूती मिलेगी.