लालू की खिचड़ी, नीतिश की खामोशी: बिहार की सियासी साजिश
Politics: बिहार की राजनीति में फिर हलचल तेज हो गई है. लालू यादव के 'खिचड़ी निमंत्रण' और नीतीश कुमार की खामोशी ने सियासी अटकलों को जन्म दिया है. क्या नीतीश फिर से पलटी मारने की तैयारी में हैं? खरमास के बाद क्या बिहार की सत्ता में बड़ा बदलाव होगा? आइए जानें...
Nitish Kumar Politics: बिहार की राजनीति में फिर से हलचल तेज है. लालू प्रसाद यादव के 'खिचड़ी निमंत्रण' और नीतीश कुमार की खामोशी ने सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है. क्या नीतीश कुमार फिर से राजनीतिक पलटी मार सकते हैं? क्या खरमास के बाद बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा? आइए बिहार की राजनीतिक व्यवस्था को समझें...
लालू का निमंत्रण और नीतीश की खामोशी
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में एक बयान दिया जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार के लिए 'दरवाजे खुले' रखने की बात कही. हालांकि इस पर जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनकी खामोशी ने अटकलों को और हवा दे दी है. बता दें कि लालू यादव ने एक चैनल से बात करते हुए कहा, ''हमारे दरवाजे खुले हैं. उन्हें भी अपने दरवाजे खोलने चाहिए. इससे दोनों तरफ के लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी.''
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की गर्मजोशी भरी मुलाकात
हाल ही में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह में जब तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 'नमस्ते' कहा, तो जदयू प्रमुख ने मुस्कुराते हुए उनकी पीठ थपथपाई. यह तस्वीर अब सोशल मीडिया जगत में काफी तेजी से वायरल हो रही है और इसको सियासी हलकों में इसे नए समीकरणों की शुरुआत के तौर पर देखा जाने लगा है.
क्या नीतीश एनडीए से नाराज हैं?
बता दें कि नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के बाद भी उनकी सरकार की स्थिरता पर सवाल उठते रहे हैं. कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं का दावा है कि भाजपा के साथ उनकी साझेदारी अस्थिर है. वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा, ''नीतीश कुमार महात्मा गांधी के अनुयायी हैं. यह विडंबना है कि उन्होंने गोडसेवादियों के साथ हाथ मिला लिया है. अगर वह भाजपा को छोड़ने का फैसला करते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे.''
आरजेडी का आक्रामक रुख
इसके अलावा आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ''लालू जी ने यह टिप्पणी व्यंग्य में की थी, लेकिन सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. भाजपा उन्हें एनडीए का चेहरा कहती है, लेकिन वह यह स्पष्ट नहीं करती कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे.''
खरमास के बाद क्या होगा बड़ा खेल?
बिहार की राजनीति में खरमास के बाद बड़े खेल की संभावना जताई जा रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव की ओर से नीतीश कुमार को खुले निमंत्रण के पीछे एक बड़ी सियासी चाल हो सकती है. वहीं, नीतीश कुमार की खामोशी को उनकी रणनीतिक सोच के तौर पर देखा जा रहा है.
भाजपा और जदयू के रिश्तों पर सवाल
वहीं भाजपा के साथ जदयू के रिश्तों में खटास की खबरें भी चर्चा में हैं. केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह 'ललन' ने हालांकि इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ''एनडीए मजबूत है. जदयू और भाजपा एकजुट हैं. लालू जी अपने बयानों पर अधिक ध्यान दें.''
तेजस्वी का दावा - राजग सरकार की होगी विदाई
इसके अलावा आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने दावा किया कि नए साल में नीतीश कुमार की अगुआई वाली एनडीए सरकार की विदाई तय है. उन्होंने कहा, ''मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं होगा.''
नीतीश कुमार के अगले कदम पर सबकी नजरें टिकीं
बहरहाल, नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होगा, यह बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकता है. राजद और कांग्रेस जहां उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं, वहीं भाजपा के साथ उनके रिश्तों में भी बदलाव की संभावनाएं जताई जा रही हैं.