Pooja khedkar: पूर्व आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपने खिलाफ लगे आरोपों को नकारते हुए स्पष्ट किया है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता. खेडकर ने अदालत में दावा किया है कि एक बार जब किसी उम्मीदवार को परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary Officer) के रूप में चयनित और नियुक्त कर दिया जाता है तो UPSC की उम्मीदवारी को अयोग्य ठहराने की शक्ति समाप्त हो जाती है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में केवल केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ही कार्रवाई कर सकता है.
सही दस्तावेज दिए थे: पूजा
पूजा खेडकर ने अदालत में अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने UPSC को पूरी सही और सुसंगत जानकारी प्रदान की है. उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने 2019, 2021, और 2022 में पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान उनके बायोमेट्रिक डेटा की जांच की थी और आयोग ने उनके दस्तावेजों को जाली या मनगढ़ंत नहीं पाया था. पूजा ने कहा कि उन्होंने नाम और प्रमाणपत्रों में विसंगति को ठीक करने के लिए हलफनामा और आधिकारिक राजपत्र भी प्रस्तुत किया था.
क्या है पूरा मामला
वहीं उनके खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए यूपीएससी को गलत जानकारी दी और फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत किए. इन आरोपों के आधार पर यूपीएससी ने 31 जुलाई, 2023 को उनका चयन रद्द कर दिया था और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पूजा खेडकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले पटियाला हाउस कोर्ट और फिर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है और इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.
अदालत से न्याय की है उम्मीद: पूजा
पूजा खेडकर का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत हैं और उन्होंने यूपीएससी को किसी भी प्रकार की गलत जानकारी प्रदान नहीं की है. वे अब अदालत से अग्रिम जमानत की मांग कर रही हैं और इस मामले में न्याय की उम्मीद कर रही हैं. First Updated : Wednesday, 28 August 2024