Pragya Thakur on Kawad Yatra: सावन का महीना और कावड़ यात्रा. हर साल इसपर कुछ न कुछ खास होता रहता है. भोले भक्तों की यात्रा इस साल काफी विवादों में भी आई. कुछ राज्य सरकार के आदेश के बाद नेम प्लेट का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. हालांकि, अब इस मामले में थोड़ी शांति हैं. हालांकि, नेताओं के बयान अभी भी जारी है. हर मामले में बोलकर सुर्खी बटोरने वाली भोपाल से पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया था. अब उनका एक बयान आया है जो चर्चा बटोर रहा है. इसके साथ ही कांग्रेस ने उन पर पलटवार कर किया है.
कावड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों को लेकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आदेश जारी किए गए थे. इसमें कहा गया था कि सभी को अपनी दुकान के सामने अपना और अपने कर्मचारियों का नाम लिखना होगा. इसके पीछे यात्रियों को शुद्ध और शाकाहारी भोजन की बात कही गई थी. हालांकि, बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अदालत ने इसपर बैन लगा दिया.
प्रज्ञा ठाकुर ने नेमप्लेट विवाद को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा 'मेरा हर हिन्दू से आव्हान है कि अपनी दुकान, अपने- अपने प्रतिष्ठान पर अपना नाम अवश्य लिखें. अब जो लिखेगा वही हिन्दू और जो नाम न लिखे वो हिन्दू नहीं. नाम लिखने से आपको कोई नहीं रोक सकता क्योंकि देश आपका ही है. फिर सब समझदार हैं.
बीजेपी नेता के पोस्ट के बाद मध्य प्रदेश में भी नेम प्लेट का विवाद गरमाया गया है. इसे लेकर नेताओं के बयान आ रहे हैं. प्रज्ञा ठाकुर के बयान को पर भी कांग्रेस ने पलटवार किया है.
पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर कार्रवाई की जानी चाहिए. अभिनव बरोलिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की सरकारों को इस मामले में नोटिस जारी किया है. इन सभी चीजों के बाद भी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बयान पोस्ट कर रही हैं. इससे समाज में नफरत का माहौल बन सकता है. इसे कोर्ट को संज्ञान में लेना चाहिए.