Chandrayaan-3: प्रज्ञान रोवर ने चांद पर सल्फर होने की पुष्टि की; ऑक्सीजन समेत 8 एलिमेंट्स भी मिले
Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को कहा कि प्रज्ञान रोवर के लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप ने पहली बार शहर में माप के माध्यम से दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि की है.
हाइलाइट
- प्रज्ञान रोवर ने चांद पर सल्फर होने की पुष्टि की
Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंचने के 29 अगस्त को अपना दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को कहा कि प्रज्ञान रोवर के लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप ने पहली बार शहर में माप के माध्यम से दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि की है.
इसरो ने कहा कि रोवर के स्पेक्ट्रोस्कोप ने उम्मीद के मुताबिक एल्यूमीनियम, कैल्शियम, फेरस (आयरन), क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया. हाइड्रोजन की खोज जारी है.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 29, 2023
In-situ scientific experiments continue .....
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
इसरो ने अपने बयान में कहा, “प्रारंभिक विश्लेषण, ग्राफिक रूप से दर्शाए गए, ने चंद्र सतह पर एल्यूमीनियम (Al), सल्फर (S), कैल्शियम (CA), आयरन (Fe), क्रोमियम (CR), और टाइटेनियम (TI) की उपस्थिति का खुलासा किया है. आगे के मापों से मैंगनीज (MN), सिलिकॉन (C), और ऑक्सीजन (O) की उपस्थिति का पता चला है. हाइड्रोजन की उपस्थिति के संबंध में गहन जांच चल रही है.”
इसरो ने कहा था “27 अगस्त, 2023 को, रोवर को अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित 4 मीटर व्यास वाला गड्ढा मिला. रोवर को पथ पर वापस लौटने का आदेश दिया गया. यह अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर बढ़ रहा है.” भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छूने वाला पहला देश बनकर इतिहास रच दिया.