चुनावी माहौल के बीच प्रवेश वर्मा को मिली राहत की सांस, 'आप' ने लगाया था वोटरों को पैसे बांटने का आरोप
बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा को चुनाव आयोग से बड़ी राहत मिली है. दरअसल, आम आदमी पार्टी ने उनके खिलाफ वोटरों को पैसे बांटने का आरोप लगाया था. जिसमें चुनाव आयोग को सच्चाई नहीं मिली हैं. चुनाव आयोग ने चादरें, जूते और पैसे बांटने के आरोपों में क्लीन चिट देते हुए सभी आरोप निराधार बताए.
बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा को चुनाव आयोग ने बड़ी राहत दी है. आयोग ने उनकी जांच के बाद कहा कि चादरें, जूते, चश्मे, जैकेट और अन्य वस्तुओं के वितरण से संबंधित आरोप निराधार पाए गए. इन दावों को साबित करने के लिए कोई साक्ष्य या गवाह प्रस्तुत नहीं किए गए. आम आदमी पार्टी (आप) ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने कहा कि उनसे कोई सबूत या गवाह नहीं मांगे गए और जांच सिर्फ खानापूर्ति थी. ये जिलाधिकारी और SHO ने की है, जो कि बीजेपी से मिले हुए हैं. दोनों को निलंबित करने और निष्पक्ष जांच की मांग की.
प्रवेश वर्मा पर आरोप
आप ने प्रवेश वर्मा पर महिलाओं को 1100 रुपये बांटने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. जिसे लेकर केजरीवाल ने भी आलोचना करते हुए कहा था कि उनके पिता को उनके जैसे बेटे के लिए शर्मिंदा होना पड़ा होगा. पार्टी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में शिकायत दर्ज कराई और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने की मांग की.
जांच और पुलिस की कार्रवाई
प्रवेश वर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह पैसा उनके पिता साहिब सिंह वर्मा द्वारा स्थापित सामाजिक संगठन, राष्ट्रीय स्वाभिमान, के माध्यम से जरूरतमंद महिलाओं को दिया गया. उन्होंने कहा कि वह महिलाओं की मदद जारी रखेंगे. नई दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी ने आरोपों की जांच के लिए मामला पुलिस को भेजा है. निर्वाचन अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पुलिस को रोजगार शिविर और पैसे बांटने के आरोपों की जांच करने और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही, 15 जनवरी को रोजगार शिविर आयोजित करने के विरुद्ध कदम उठाए गए.