Draupadi Murmu: राष्ट्रपति मुर्मू आज कोलकाता में लॉन्च करेंगी युद्धपोत 'विंध्यगिरि', जानिए क्यों है खास
Draupadi Murmu: युद्धपोत का लॉन्चिंग समारोह कोलकाता शहर में हुगली नदी के तट पर जीआरएसई की जहाज निर्माण सुविधा में आयोजित किया गया है. युद्धपोत विंध्यगिरी को नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा.
हाइलाइट
- एकदिवसीय दौरे पर आज कोलकाता पहुंचेंगी राष्ट्रपति मुर्मू
- 17ए के छठे जहाज विंध्यगिरि के लॉन्च कार्यक्रम में होंगी शामिल
- प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का छठा जहाज है विंध्यगिरी
Launch Of Warship Vindhyagiri: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज गुरुवार (17 अगस्त) को पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहेंगी. अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान वह कोलकाता के राजभवन में ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित 'नशा मुक्त भारत अभियान' के तहत 'मेरा बंगाल, नशा मुक्त बंगाल' अभियान का शुभारंभ करेंगी. बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू इस साल के मार्च में राज्य की अपनी पहली यात्रा पर पश्चिम बंगाल के दौरे पर आईं थी. जहां आगमन के बाद उन्हें कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर दी गई थी.
युद्धपोत 'विंध्यगिरि' को लॉन्च करेंगी राष्ट्रपति
एक दिवसीय दौरे पर आज राष्ट्रपति कोलकता पहुंचेंगी, जहां गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए के छठे जहाज विंध्यगिरि के लॉन्च कार्यक्रम में भी शामिल होंगी. विंध्यगिरि, जिसका नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है, यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का छठा जहाज है. युद्धपोत का लॉन्चिंग समारोह कोलकाता शहर में हुगली नदी के तट पर जीआरएसई की जहाज निर्माण सुविधा में आयोजित किया जाएगा.
'भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है विंध्यगिरि'
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नव नामित 'विंध्यगिरि' अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को अपनाने के साथ-साथ स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने के भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत मेसर्स एमडीएल द्वारा कुल चार जहाज और मेसर्स जीआरएसई द्वारा तीन जहाज निर्माणाधीन हैं.
भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने किया डिजाइन
परियोजना के पहले पांच जहाज 2019-2022 के बीच एमडीएल और जीआरएसई द्वारा लॉन्च किए गए हैं. प्रोजेक्ट 17ए जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है, जो सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए अग्रणी संगठन है.
युद्धपोत विंध्यगिरी को नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा और सेवा में शामिल करने के लिए भारतीय नौसेना को सौंपे जाने से पहले व्यापक परीक्षणों से गुजरना होगा. पूर्ववर्ती 'विंध्यगिरि' ने 08 जुलाई 1981 से 11 जून 2012 तक अपनी 31 साल की सेवा के दौरान कई चुनौतीपूर्ण अभियान और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया था.