CEC-EC Bill: CEO-EC की नियुक्ति से जुड़े विधेयकों को राष्ट्रपति मुर्मू ने दी मंजूरी, जानें कौन हैं दो विधेयक जिन्हें दी स्वीकृति?
Assent To Bill: सीईसी, ईसी की नियुक्ति से जुड़े विधेयक को राष्ट्रपति ने मुर्मू ने मंजूरी दे दी. यह शुक्रवार को दी गई थी. साथ ही प्रेस एंव पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 पर भी राट्रपति ने मुहर लगा दी है.
हाइलाइट
- 21 दिसंबर को चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहीं कुछ खास बातें.
- शुक्रवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने एक अहम फैसला लिया.
Assent To Bill: शुक्रवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने एक अहम फैसला लिया जिसमें उन्होंने घोषणा करते हुए दो लोगों को विधेयक की स्वीकृति प्रदान की. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त विधेयक 2023 में सीईसी या ईसी की नियुक्ति के लिहाज से चयन समिति पर विचार करने की प्रक्रिया के लिए सर्च कमेटी बनाई जा सकती है.
जिसके बाद अध्यक्षता कानून मंत्री करेंगे. राष्ट्रपति ने प्रकाशन उद्योग को नियंत्रित करने वाले ब्रिटिश-युग के कानून को बदलने और पत्रिकाओं को पंजीकरण की प्रकिया को सरल बनाने के लिए प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक को भी मंजूरी दे दी गई है.
प्रेस एंव पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक को मिली मंजूरी
प्रकाशन उद्योग को नियंत्रिक करने वाले ब्रिटिशकाल के कानून में बदलाव और पत्रिकाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल करने के लिए प्रेस एंव पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक, 2023 को भी राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दे दी गई है. यह विधेयक 1867 के प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम की जगह लेता है. राज्यसभा में तीन अगस्त को विधेयक को पारित किया था.
पारित होने के बाद मिली मंजूरी
शुक्रवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने केंद्रीय वस्तु एंव सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 और अनंतिम कर संग्रहण विधेयक 2023 को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. संसद के शीतकालीन सत्र में इन विधेयकों को पारित किया गया था. जिसके बाद अब इन्हें मुर्मू ने मंजूरी दी है.
21 दिसंबर को चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहीं ये बातें
21 दिसंबर को लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि यह बिल सरल और स्मार्ट हैं. इससे समाचार पंत्रों और पत्रिकाओं के पंजीकरण के लिए एक साथ प्रक्रिया है. पहले समाचार पत्रों या पत्रिकाओं को आठ चरणीय पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. यह अब एक बटन के क्लिक पर किया जा सकता है उन्होंने कहा है कि समाचार पत्र और पत्रिकाएं अब दो महीने के भीतर पंजीकृत हो सकेंगी, जबकि पहले इसके लिए दो तीन साल का समय लगता था.