राष्ट्रपति मुर्मू ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति भवन में फ्रांसीसी समकक्ष मैक्रॉन की मेजबानी की; पीएम मोदी, अन्य शीर्ष गणमान्य लोग शामिल हुए
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से मुलाकात की. इस बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौदूज रहे.
Republic Day 2024: राष्ट्रपपि द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में एक घरेलू स्वागत समारोह की मेजबानी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन जो गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि थे. स्वागत समारोह में भाग लेने वाले कई गणमान्य व्यक्तियों में से थे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से मुलाकात की. इस बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौदूज रहे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, "आज हम दुनिया के सामने एक साथ खड़े हैं. दो महान गणराज्य, प्रत्येक का मानव प्रगति में विशिष्ट योगदान है. विचार में स्वतंत्र, नीति में जिम्मेदार और दुनिया की जरूरतों के प्रति संवेदनशील... मुझे विश्वास है कि हमारी मित्रता में सहजता और हमारी साझेदारी की ताकत हमारी भविष्य की यात्रा को उज्ज्वल बनाएगी."
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "खानपान के मामले में भी हम अपनी-अपनी विशेषताओं से एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. जिस तरह फ्रांस में प्राचीन भारतीय भाषा और वैदिक अध्ययन के दिग्गज विद्वान हैं, उसी तरह भारतीय छात्रों में फ्रांसीसी भाषा बहुत लोकप्रिय है. सिनेमा की तरफ देखें तो वहां भी भारत और फ्रांस जुड़े हुए हैं. आगे उन्होंने ने कहा कि, ''हमारी दोस्ती की गहराई और हमारी साझेदारी की ताकत का 14 जुलाई 2023 और 26 जनवरी से बेहतर कोई प्रतीक नहीं हो सकता.''
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, ''यह कई मायनों में ऐतिहासिक और यादगार पल है. ऐसा शायद ही कभी हुआ होगा कि दो देशों के नेता लगातार एक-दूसरे के राष्ट्रीय समारोहों में मुख्य अतिथि रहे हों. दो साल बाद इस दिन आज़ादी के बाद भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान लागू किया."
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि, "यह बेहद खुशी की बात है कि हम यहां हैं और अपनी पूर्व राजकीय यात्रा के पांच साल बाद और आपके G20 की सफलता के पांच महीने बाद वापस आ रहे हैं, हम इस तरह के एक महत्वपूर्ण और का हिस्सा बनकर बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं." यह अनोखा दिन है और हमारे सैनिक आपके साथ हैं और इस असाधारण क्षण का हिस्सा हैं.