Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के खत्म होने के बाद अब नई सरकार के गठन की तैयारी होने लगी है. इंडिया गठबंधन ने उमर अब्दुल्ला को अपना मुख्यमंत्री चुना है. उन्होंने 4 निर्दलीयों के साथ सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है. नई सरकार के गठन से पहले रविवार देर रात राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश जारी किया गया. गृह मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह आदेश नए मुख्यमंत्री की शपथ से ठीक पहले जारी किया. प्रदेश में राष्ट्रपति शासन 4 साल 11 महीने से लगा हुआ था. हालांकि, इससे पहले भी राज्यपाल और राष्ट्रपति का शासन कुछ-कुछ समय के लिए लगा था. कुल मिलाकर ये अवधि करीब 7 साल 4 महीने की थी.
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे. तब भाजपा और पीडीपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी, लेकिन 2018 में भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से जम्मू-कश्मीर में केंद्र का शासन लागू हो गया था.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला आज जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में NC ने 42 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस को 6 और CPI(M) को 1 सीट मिली थी. 10 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक में उमर अब्दुल्ला को नेता चुना गया. उन्होंने 11 अक्टूबर को श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
पहले लगा राज्यपाल का शासन: जून 2018 में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने के बाद, जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किया गया. यह छह महीने तक रहा, क्योंकि उस समय आर्टिकल 370 को हटाया नहीं गया था. राज्यपाल शासन की अवधि खत्म होने के बाद, केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया, जिसे फिर कई बार बढ़ाया गया.
धारा 370 के निरस्त होने के बाद: 31 अक्टूबर 2019 को अनुच्छेद 370 और 35A को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया. इसके बाद गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 73 के तहत राष्ट्रपति शासन का आदेश जारी किया.
राष्ट्रपति शासन हटना जरूरी: नई सरकार के कार्यभार संभालने के लिए जरूरी प्रावधानों को बहाल करने के लिए राष्ट्रपति शासन हटाना अनिवार्य था. निर्वाचित सरकार को शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति शासन की घोषणा को समाप्त करना जरूरी था.