देश के इकलौते प्रधानमंत्री जिनका नोटों पर भी हस्ताक्षर, जानें क्या थी इसके पीछे की वजह
Dr. Manmohan Singh Death: देश की मुद्रा यानी रुपया पर हस्ताक्षर करने का सम्मान हर किसी को नहीं मिलता. मनमोहन सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनके हस्ताक्षर नोट देश में प्रचलन में थे. आइए जानते हैं ऐसा क्यों हुआ?
Dr. Manmohan Singh Death: डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था का आर्किटेक्ट कहा जाता है, अपने दूरदर्शी नेतृत्व से देश को न केवल आर्थिक संकट से उबारा, बल्कि विकास और वैश्वीकरण की नई राह दिखाई. देश के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. सिंह का नाम भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक मिसाल के रूप में लिया जाता है.
नोटों पर हस्ताक्षर वाले इकलौते प्रधानमंत्री
आपको बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह भारत के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिनके हस्ताक्षर भारतीय करेंसी नोटों पर देखने को मिले. जब वे 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे, उस दौरान उनके हस्ताक्षर 10 रुपये के नोटों पर होते थे. हालांकि, प्रधानमंत्री रहते हुए यह अधिकार गवर्नर का होता है. यह उपलब्धि डॉ. सिंह को अन्य प्रधानमंत्रियों से अलग बनाती है.
आर्थिक संकट से देश को उबारा
वहीं आपको बता दें कि 1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, तब तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने देश को नई आर्थिक नीतियां देकर उबारने का काम किया. उस समय भारत का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 8.5% और भुगतान संतुलन संकट बेहद गंभीर था. देश को अपना सोना तक गिरवी रखना पड़ा था. डॉ. सिंह के आर्थिक सुधारों ने देश को इस संकट से निकाला.
आर्थिक सुधार और वैश्वीकरण की नींव
डॉ. सिंह ने 1991-92 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए लाइसेंस राज समाप्त करने, निजीकरण को बढ़ावा देने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहित करने जैसे कई बड़े कदम उठाए. उनके सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण और उदारीकरण की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया.
प्रधानमंत्री के रूप में उपलब्धियां
आपको बता दें कि 2004 में प्रधानमंत्री बने डॉ. मनमोहन सिंह ने मनरेगा जैसी योजनाएं शुरू कीं, जिससे ग्रामीण रोजगार में सुधार हुआ. इसके अलावा, उनके कार्यकाल में आधार कार्ड जैसी क्रांतिकारी पहचान प्रणाली की नींव रखी गई. उन्होंने कृषि ऋण माफी योजना और 2008 की वैश्विक मंदी के दौरान आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज लाकर देश को मजबूत नेतृत्व प्रदान किया.
सामाजिक सुधारों में योगदान
इसके अलावा प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने सूचना का अधिकार, बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा और भोजन का अधिकार अधिनियम जैसे कई सामाजिक सुधार किए. उनके प्रयासों से वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा मिला और बैंकिंग सेवाएं देश के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचीं.
बहरहाल, डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणादायक है. उनकी दूरदर्शी नीतियां और नेतृत्व ने न केवल भारत को आर्थिक स्थिरता दी, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर नई पहचान भी दिलाई.