Wayanad Tragedy: केरल के वायनाड जिले के 3 गांवों में भूस्खलन की त्रासदी के पांच महीने बाद, केंद्र सरकार ने इसे "गंभीर प्रकृति की आपदा" घोषित किया. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने इसकी तीव्रता और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह घोषणा की.
केंद्र सरकार ने केरल सरकार को औपचारिक रूप से सूचित करते हुए स्पष्ट किया कि ऐसी आपदाओं के लिए प्रारंभिक वित्तीय सहायता राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के माध्यम से प्रदान की जाती है. इसके बाद अतिरिक्त सहायता राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से, एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) द्वारा मूल्यांकन के बाद दी जाती है.
संदेश में कहा गया कि हालांकि, वायनाड जिले में मेप्पाड़ी भूस्खलन आपदा की तीव्रता और परिमाण को ध्यान में रखते हुए, इसे सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए गंभीर प्रकृति की आपदा माना गया है.
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब केंद्र सरकार को केरल सरकार और सांसदों से प्रभावित लोगों के लिए वित्तीय सहायता में देरी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा़ कि मुझे खुशी है कि @AmitShah जी ने वायनाड त्रासदी को 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित करने का निर्णय लिया. यह पुनर्वास के लिए जरूरतमंदों की काफी मदद करेगा और सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यदि इसके लिए पर्याप्त धनराशि जल्द से जल्द आवंटित की जा सके, तो हम सभी आभारी होंगे.
30 जुलाई को भारी बारिश के कारण वायनाड के चूरालमला और मुंडक्काई क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया. इस त्रासदी में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हुए. हजारों लोग बेघर हो गए, जिससे यह केरल की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक बन गई.
First Updated : Tuesday, 31 December 2024