Karnataka News : कर्नाटक सरकार ने बुधवार को विधानसभा में कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया गया. इससे मामले में बड़ा झटका लगा है. विधेयक के तहत अधिक आय वाले मंदिरों से कुल आय का दस फीसदी टैक्स के रुप में लेना था. लेकिन विधान परिषद में शुक्रवार 23 फरवरी को यह विधेयक पारित नहीं हो पाया. जैसे ही भारतीय जनता पार्टी और जद के सदस्यों ने आपत्ति, परिषद के उपाध्यक्ष एम. के. प्रणेश ने ध्वनि मत का आह्वान किया. विपक्षी सदस्यों द्वारा इस विधेयक के खिलाफ मतदान के बाद इसे खारिज कर दिया गया.
कर्नाटक विधानसभा में मंदिरों से कर वसूली करने के लिए विधेयक लाया गया. यह विधेयक अब खारिज कर दिया गया. विधेयक के पक्ष में 7 सदस्यों ने वोट किया है, जबकि 18 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट किया है. परिषद में विधेयक का प्रस्ताव रखते हुए परिवहन एवं मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि मौजूदा नियमों के मुताबिक, सरकार को मंदिरों से 8 करोड़ रुपये मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि नया नियम पारित होने के बाद सरकार को 60 करोड़ रुपये की कमाई होगी और इस राशि से सी ग्रेड के मंदिरों का प्रबंधन किया जाएगा.
बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हिन्दू विरोधी नीतियां अपना रही है और इसमें हिंसा, धोखाधड़ी व धन का दुरुपयोग होना तय है. हालांकि राज्य सरकार ने सभी आरोपों को खारिज किया है औक कहा कि केवल एक करोड़ से अधिक राजस्व वाले मंदिरों से 10 प्रतिशत धनराशि ली जाएगी.
सरकार का दावा है कि जमा हुए धन से धार्मिक परिषद उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जिससे पुराजियों की आर्थिक स्थिति बेहतर की जाएगी और सी-ग्रेड मंदिरों या जिन मंदिरों की हालत खराब है उनमें सुधान किया जाएगा. साथ ही पुजारियों का उत्थान, उनके बच्चों की शिक्षा और सी ग्रेड के मंदिरों का नवीनीकरण आदि शामिल है. First Updated : Saturday, 24 February 2024