Protest in Lucknow: इजरायल के हमले में मारे गए हिजबुल्लाह नेता हसन नसरुल्लाह के लिए संवेदना की लहर अप जम्मू-कश्मीर से लखनऊ तक पहुंच गई है. रविवार रात को राजधानी लखनऊ के इमामबाड़ा इलाके में हजारों मुसलमानों ने हिजबुल्लाह नेता हसन नसरुल्लाह की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया. इजरायली हमले में नसरुल्लाह की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने इजरायल और उसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने इस कार्रवाई को मुस्लिम समुदाय पर हमला बताया और इजरायल की निंदा की.
इमामबाड़ा और आसपास के इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लहराए. विरोध में कई दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें तीन दिनों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके अलावा तीन सौ दुकानें बंद की जाएंगी. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नसरुल्लाह की मौत के विरोध में यह बंद है.
प्रदर्शन के दौरान एक किलोमीटर लंबा कैंडल मार्च निकाला गया, जो छोटे इमामबाड़ा से बड़े इमामबाड़ा तक गया. मार्च में शामिल लोगों ने नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि दी और इजरायल की नीतियों की कड़ी आलोचना की. उनका कहना था कि नसरुल्लाह की हत्या से पूरे मुस्लिम समुदाय को गहरा आघात पहुंचा है और यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिल जाता.
नसरुल्लाह की हत्या का विरोध सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि लेबनान, ईरान, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हिजबुल्लाह के समर्थक इन देशों में सड़कों पर उतरकर इजरायल की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. नसरुल्लाह की मौत को हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह संगठन का प्रमुख चेहरा था.
हसन नसरुल्लाह 1992 में महज 30 साल की उम्र में हिजबुल्लाह के प्रमुख बना था. उसके नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ प्रतिरोध का एक मजबूत प्रतीक बनते हुए मध्य पूर्व में एक प्रभावशाली ताकत के रूप में उभरना शुरू किया. उसकी मृत्यु के बाद संगठन को एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है.
नसरुल्लाह की मौत के बाद, इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल लगातार हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है. हिजबुल्लाह समर्थक देशों में भी इजरायल के खिलाफ विरोध की लहर बढ़ रही है, और आने वाले दिनों में विरोध और तीव्र हो सकता है. First Updated : Monday, 30 September 2024