Punjab and Haryana High Court: महाराष्ट्र के कद्दावर नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई का नाम काफी चर्चा में है. तमाम जगहों पर उसे लेकर खबरें चल रही हैं. इस बीच उसका एक इंटरव्यू भी काफी वायरल हो रहा है. इसे लेकर अब कोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने अगस्त 2024 के उस आदेश का उल्लंघन करने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया गया था, जिन्होंने इस इंटरव्यू को संभव बनाया. कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा देना अपराध की महिमामंडन करने के जैसा है.
न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी ने कहा कि पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी का कार्यालय इंटरव्यू स्टूडियो के रूप में उपयोग किया गया था. सीआईए स्टाफ के परिसर में आधिकारिक वाई-फाई का उपयोग इंटरव्यू के लिए किया गया, जो एक संगठित साजिश का संकेत है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रोजनामचा को भी जाली और मनगढ़ंत तरीके से तैयार किया गया.
अदालत ने मामले में आगे जांच की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी विभिन्न पहलुओं को जांच के दायरे में लाने की जरूरत है. अदालत ने एक नई जांच का आदेश दिया और इसकी जिम्मेदारी राज्य मानवाधिकार आयोग के विशेष पुलिस महानिदेशक प्रभोध कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को सौंपी.
अदालत के अनुसार, बिश्नोई का पहला इंटरव्यू, जो अपराध और अपराधियों का महिमामंडन करता था. पंजाब के खरड़ में सीआईए परिसर में आयोजित हुआ और दूसरा इंटरव्यू जयपुर जेल में हुआ था. पिछले कार्यवाही में अदालत ने पुलिस द्वारा इस मामले में एफआईआर रद्द करने की सिफारिश से कोर्ट को सूचित न करने पर गहरी चिंता व्यक्त की थी.
पिछले सप्ताह सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था, जिसमें केवल दो अधिकारी, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट्स गुरशीर सिंह और समीर विनीट थे. अदालत ने टिप्पणी की कि जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और पंजाब पुलिस प्रमुख से जवाब मांगा.
अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि पंजाब में लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ 71 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें चार मामलों में आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए भी शामिल है. वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या में भी संदिग्ध है. मार्च 2023 में एक हिंदी समाचार चैनल ने उसका इंटरव्यू लिया था.
अदालत ने दिसंबर के उस आदेश का उल्लंघन होने पर भी नाराजगी जताई, जिसमें सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इंटरव्यू को हटाने का निर्देश दिया गया था. अदालत ने कहा, "इन इंटरव्यू ने 12 मिलियन से अधिक व्यूज़ हासिल किए हैं. इसका युवा मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. पंजाब एक सीमा राज्य है और कानून व्यवस्था में कोई भी गिरावट या अपराध में वृद्धि राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है.