Punjab Politics: सिख गुरूद्वारा (संशोधन) बिल- 2023 को बिना वजह लटकाया जा रहा- भगवंत मान, राज्यपाल पर भी कसा तंज़
Punjab Politics: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एसजीपीसी द्वारा बादल परिवार के चैनल को गुरबाणी प्रसारण का अधिकार फिर से देने की आलोचना भी की.
हाइलाइट
- यह बिल गुरबाणी को घर-घर पहुंचाने का प्रयास है- मान
Punjab Politics: पंजाब में राज्य सरकार, राज्यपाल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) में टकराव की स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सिख गुरूद्वारा (संशोधन) बिल- 2023 को लेकर राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यपाल द्वारा सिख गुरूद्वारा (संशोधन) बिल- 2023 को बिना वजह लटकाया जा रहा है. उन्होने कहा कि 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल को यह नहीं पता कि सत्र कानूनी था या गैर-कानूनी.' बिल को लेकर उन्होने यह भी कहा कि इसका उद्देश्य पवित्र गुरबाणी के प्रसारण का हक किसी एक परिवार के नियंत्रण से निकालकर उसका फ्री प्रसारण करना है.
इसी सत्र में मान सरकार ने सिख गुरूद्वारा (संशोधन) बिल- 2023 पेश किया गया था. मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते समय में कैप्टन सरकार ने भी ऐसे दो सत्र बुलाए थे, जिनको राज्यपाल ने बाद में मंज़ूरी दी थी. राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा विधानसभा सत्र को असंवैधानिक बताने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जवाब देते हुए कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल को यह नहीं पता कि सत्र कानूनी था या गैर-कानूनी.
इसके साथ ही मान ने एसजीपीसी द्वारा बादल परिवार के चैनल को गुरबाणी प्रसारण का अधिकार फिर से देने की आलोचना भी की. उन्होने कहा कि एसजीपीसी सीधा प्रसारण करने से पीछे हट रही है. मुख्यमंत्री ने सिख गुरूद्वारा (संशोधन) बिल- 2023 को लेकर कहा कि राज्यपाल इसको बिना वजह लटका रहे हैं. उन्होने बिल को लेकर कहा कि इसका उद्देश्य पवित्र गुरबाणी के प्रसारण का हक किसी एक परिवार के नियंत्रण से निकालकर फ्री प्रसारण करना है. मान ने कहा कि यह बिल गुरबाणी को घर-घर पहुंचाने की कोशिश है.
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि अगर राज्य सरकार को सेवा का मौका मिलता है तो गुरबाणी के लाइव और मुफ्त प्रसारण के लिए सभी प्रबंध 24 घंटे में किए जा सकते हैं. सरकारी प्रोग्राम्स को लाइव करने के लिए लाइव फीड देने का ज़िक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार यह इंतज़ाम एक घंटे में ही कर लिए जाते हैं.