Punjab News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी (PU) को लेकर साफ कर दिया है कि फीस जमा न करने वाले छात्रों के एजुकेशनल डॉक्यूमेंट्स को कोई रोक नहीं सकता है. उच्च न्यायालय ने होशियारपुर के सरकारी कॉलेज की छात्राओं का परीक्षा परिणाम और दस्तावेजों को जारी करने का पंजाब यूनिवर्सिटी को आदेश दिया है.
दरअसल, हाईकोर्ट में मीना कुमारी और बलजीत कौर ने याचिका दायर कर एडवोकेट यज्ञ दीप के माध्यम से बताया कि वह दोनों होशियारपुर के सरकारी कॉलेज में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत पढ़ रही थीं. इसी बीच पंजाब विश्वविद्यालय ने उनका रिजल्ट और डिग्री को रोक दिया. इसका कारण प्रशासन ने फीस न जमा करवाना बताया. याचिका ने कहा कि स्कॉलरशिप के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को फीस जमा नहीं करवानी पड़ती है. फीस यूनिवर्सिटी जमा करती है और इसका भुगतान वह सरकार से करवाती है.
याचिकाकर्ताओं ने आगे कहा कि, सरकार द्वारा डायरेक्ट फीस जमा करने पर उनके शैक्षणिक दस्तावेज रोक दिए गए. वहीं, पंजाब सरकार ने याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर पूरी स्थिति से अवगत कराया गया है. इसके बाद भी पंजाब यूनिवर्सिटी ने कोई कार्रवाई नहीं की.
पंजाब हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि किसी भी स्टूडेंट के लिए दस्तावेज उसकी व्यक्तिगत संपत्ति है और कोई भी संस्थान और व्यक्ति इसे अपने पास नहीं रख सकता है. अगर किसी भी स्टूडेंट का बकाया रह गया है तो वह कानूनी कार्रवाई के तहत अपना बकाया ले सकता है. कोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता वैसे भी स्कॉलरशिप के माध्यम से अपनी पोस्ट मैट्रिक कर रही थी तो ऐसे में संस्थान को ही फीस जमा करवानी थी. इसलिए उनका रिजल्ट और दस्तावेज को रोकने का कोई अधिकार नहीं है. First Updated : Thursday, 28 September 2023