पंजाब के जालंधर शहर में जगह फैले कूड़े के पहाड़ से लोगों को जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है। जानकारी के मुताबिक गदईपुर का कंक्रीट वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट शुरू होने वाला है। इस प्लांट को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और पावरकॉम द्वारा मंजूरी मिल गई है। अब जल्द ही शहर में वेस्ट से रेत और बजरी बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

जानकारी के अनुसार शहर में नया घर बनाने के लिए पुराने घर को तोड़ने और नई बिल्डिंग बनाने के लिए जो मलबा बनता है उसके कण सड़कों के किनारों पर जमा हो जाते हैं जो बाद में हवा में मिलकर प्रदूषण फैलाते हैं। इसी के मद्देनजर शहर में मलबे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक साल पहले वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट बनाया गया था लेकिन प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों को पूरा करने और बिजली की सप्लाई हासिल करने में थोड़ा समय लग गया। अब ये जानकारी मिल रही है कि इस प्लांट ने सारी शर्तें पूरी कर ली हैं और जल्द ही यहां वेस्ट से कंक्रीट बनाने का काम शुरू हो जाएगा। प्लांट में जो रेत और बजरी बनेंगे उससे नई बिल्डिंग और घर बनाए जाएंगे। वहीं पुराने घरों को तोड़ने के बाद जो मलबा बनता है उसे इस प्लांट तक पहुंचाने के लिए 17 जगहों को चुना गया है। इस मलबे में मकान, बिल्डिंग, कॉलोनाइजर और मेंटेनेंस का मलबा शामिल है। 

अगर इन जगहों के अलावा कहीं और मलबा फेंका गया तो रिटेल मार्केटिंग डिपार्टमेंट 5 हजार का जुर्माना वसूल करेगा। निगम ने मलबे की लिफ्टिंग के लिए जेसीबी और 3 टिप्पर लगाए हैं। अभी तक प्लांट में 200 टिप्पर मलबा पहुंच चुका है। जानकारी के अनुसार एक दिन में 100 टन मलबे से कंक्रीट तैयार की जाएगी। जानकारी के अनुसार गदईपुर में इंडस्ट्रियल एरिया, खांबड़ा में शर्मा फार्म, रहमानपुर रोड पर पीर बाबा, शहीद ऊधम सिंह नगर में घोड़ों वाले तबेले में, नंगल शामा में पूर्व एमएलए के घर के नजदीक की जगह, चौगिट्टी में लोक निर्माण कार्यालय के पीछे की जगह जैसी कई जगहें चिन्हित की गई हैं जहां मलबा इकट्ठा किया जाएगा।