पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का बड़े ही गमगीन माहौल में उनके पैतृक गांव बादल में अंतिम संस्कार संपन्न हो गया। गांव के श्मशान घाट में जगह कम होने की वजह से उन्हें उनके ही खेत में मुखाग्नि दी गई। अंतिम संस्कार से पहले सुबह उनके आवास पर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। जहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पंजाब के सीएम भगवंत मान, गवर्नर बीएल पुरोहित, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी अंतिम दर्शन किए और शोक व्यक्त किया। इसके बाद उनकी पार्थिव शरीर को समर्थकों की भीड़ के साथ अंतिम संस्कार की जगह तक लाया गया।
अंतिम संस्कार से पहले सुखबीर बादल और उनकी बहन अपने पिता के शव से लिपट कर काफी देर तक रोते रहे। पंजाब के सीएम भगवंत मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित भी अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि दी। प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने के बादा जेपी नड्डा ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि प्रकाश सिंह बादल अब हमारे बीच नहीं हैं। वह नेता नहीं थे, वे एक राजनेता थे। उन्होंने समाज में शांति और भाईचारा स्थापित करने के लिए जीवन भर अपना भरपूर योगदान दिया। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा।
बता दें कि गांव बादल में सरपंच के पद से प्रकाश सिंह बादल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। वे पंजाब के 5 बार CM रहे। वे 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी मुख्यमंत्री रहे। वहीं लंबी विधानसभा सीट से लगातार 10 बार उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की। वे 11 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे। 95 साल के प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात करीब पौने 8 बजे मोहाली के अस्पताल में निधन हुआ था। उन्हें सांस की तकलीफ के बाद यहां भर्ती कराया गया था।