पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर "हस्तक्षेप करने और हिमाचल प्रदेश द्वारा पानी की आपूर्ति और सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगने की शर्तों को माफ करने के भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के निर्देशों को वापस लेने का अनुरोध किया है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने 15 मई, 2023 को इस संबंध में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष को निर्देश जारी किए थे। उन्होंने इन निर्देशों के तहत कहा, भारत सरकार ने बीबीएमबी के अध्यक्ष को एनओसी के मौजूदा तंत्र को इस शर्त के साथ समाप्त करने का निर्देश दिया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा संचयी निकासी को सत्ता में उनके समान हिस्से से कम यानी 7.19% सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय किया गया है।
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड यानी BBMB से हिमाचल प्रदेश को पानी देने के मामले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। चिट्टी में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार BBMB को पानी देने का आदेश नहीं दे सकती। सीएम मान ने हिमाचल प्रदेश को पानी देने पर NOC की शर्त हटाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि BBMB सिर्फ प्रबंधन के लिए है और केंद्र का ये आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सीधे तौर पर उल्लंघन है। BBMB से पानी दिए जाने का पैमाना पहले से तय है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 15 मई को आदेश जारी कर NOC की शर्त हटा दी थी।
इसके अलावा, भगवंत मान ने कहा कि पानी का बँटवारा एक अंतर्राज्यीय विवाद है और राज्यों द्वारा पानी के बँटवारे के लिए कोई एकतरफा निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बीबीएमबी का गठन पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 79 (1) के तहत किया गया था, जिसके अनुसार बोर्ड का शासनादेश केवल बांध और जलाशयों के प्रशासन, रखरखाव और संचालन के लिए है। रोपड़, हरिके और फिरोजपुर में नंगल हाइडल चैनल और सिंचाई हेडवर्क।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अधिनियम के अनुसार, बीबीएमबी भागीदार राज्यों के अलावा किसी अन्य राज्य को नदियों से पानी देने के लिए अधिकृत नहीं है और हिमाचल प्रदेश भागीदार राज्य नहीं है। First Updated : Wednesday, 14 June 2023