Punjab: सर्दियां आने से पहले ही पराली से होने वाले प्रदूषण से निपटने की तैयारी शुरु हो चुकी है. पंजाब सरकार ने पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए एक बहतरीन तोड़ निकाला है. 

पंजाब में पराली को जलाना एक बड़ी समस्या है, जिससे न केवल हरियाणा बल्कि दिल्ली भी प्रभावित होती है. पराली जलाने के कारण सर्दियों में पंजाब में प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतें होनी लगती हैं. इस विषय पर विचार करते हुए दिल्ली सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए अभी से प्लानिंग बना ली है.

पंजाब सरकार ने अब ईंच भट्टों को कम से कम 20 % पराली से बने पैलेट को ईंधन के रुप में प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि राज्य में करीब 2200 ईंट भट्टे हैं. जिनकी कोयले की वार्षिक खप्त 24 लाख टन है. ऐसे में अगर इनमें से पराली की पैलेट को कोयले कि विक्लप के रुप में जलाया जाए तो लगभर 6 लाख टन पराली का निकार्ण किया जा सकता है.