Loksabha Election: इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे सिद्धू , बताई ये वजह
Loksabha Election: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस इस बार सिद्धू को पटियाला सीट से उतारने की तैयारी कर रही थी. लेकिन उनके चुनाव लड़ने के फैसले ने पार्टी की चिंता को बढ़ा दिया है.
Navjot Singh Sidhu: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जहां एक तरफ सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इस बीच पंजाब की राजनीति से आज (15 मार्च) बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बार लोकसभा चुनाव ना लड़ने का एलान किया है. इससे पहले सिद्धू ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की इस दौरान उन्होंने पंजाब के कर्ज का मुद्दा उठाया.
इसके बाद राजभवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा अगर मुझे चुनाव लड़ना ही होता तो मैं कुरुक्षेत्र से ही चुनाव नहीं लड़ लेता और मंत्री होता है. टिकट की कोई बात ही नहीं है. मुझे लोकसभा में जाना ही नहीं है. 4 से 5 साल की राज्यसभा छोड़कर आया हूं. कोई ऐसा आदमी है, जिसने मंत्रालय छोड़े हों.
सिद्धू के चुनाव ना लड़ने से बढ़ी कांग्रेस की चिंता
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस इस बार सिद्धू को पटियाला सीट से उतारने की तैयारी कर रही थी. लेकिन उनके चुनाव लड़ने के फैसले ने पार्टी की चिंता को बढ़ा दिया है. बता दें कि सिद्धू प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के समय उन्होंने तीन बार चुनाव में सफलता हासिल की थी. इस दौरान एक के बाद एक तीन कांग्रेस नेताओं के पार्टी से इस्तीफा देकर अन्य पार्टियों में शामिल होने के सवाल का जवाब देते हुए सिद्धू ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं. यह अच्छी बात है. मुश्किल समय में किरदारों की पहचान होती है. पार्टी छोड़ने वालों की भी कुछ तो मजबूरियां रही होंगी. यूं ही तो कोई बेवफा नहीं होता. वड़िंग इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं.
Called upon the Hon’ble Governor of Punjab to request an independent audit evaluation by a group of financial experts on punjab's deteriorating financial situation !! pic.twitter.com/Co9vvGPQ6A
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 15, 2024
विशेष जाति वर्ग के साथ हो रहा अन्याय
सिद्धू ने आगे कहा कि पंजाब में 35 प्रतिशत विशेष जाति वर्ग के लोग है. इनके साथ अन्याय हो रहा है. हालांकि मनरेगा जैसी योजनाएं मौजूद हैं लेकिन उनका कार्यान्वयन कम हो जाता है. इस कारण कई लोग हाशिये पर चले जाते हैं. सही ढंग से क्रियान्वित होने पर मनरेगा से 32 लाख जॉब कार्ड धारकों को लाभ मिलने की संभावना है.