रूस के राष्ट्रपति पुतिन अगले साल भारत यात्रा पर आ सकते हैं, तारीखों पर हो रहा विचार!
रूसी राष्ट्रपति पुतिन अगले साल भारत आ सकते हैं.... भारत और रूस के बीच घनिष्ठ रिश्तों को और मजबूत करने के लिए, पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण स्वीकार किया है. क्या है इस यात्रा की अहमियत और कौन से मुद्दे होंगे चर्चा में? जानिए पूरी खबर!
Putin's India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले साल की शुरुआत में भारत आ सकते हैं. क्रेमलिन ने पुष्टि की है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन को भारत आने का निमंत्रण भेजा है और अब यात्रा के लिए संभावित तारीखों पर विचार किया जा रहा है. यह पुतिन की 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पहली भारत यात्रा होगी.
हर साल एक बार बैठक करने का समझौता
क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हर साल एक बार बैठक करने का समझौता है. इस साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी रूस के मास्को में 22वें रूस-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे और अक्टूबर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी पुतिन से मिले थे. उशाकोव ने कहा, 'इस बार हमारी बारी है और हम अगले साल की शुरुआत में संभावित तिथियों पर विचार करेंगे.'
भारत-रूस रिश्तों में मधुर संबंध और निरंतर संवाद
भारत और रूस के बीच संबंध हमेशा से ही मजबूत और घनिष्ठ रहे हैं. रूस ने भारत के आर्थिक विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं और दोनों नियमित संपर्क में रहते हैं. भारत स्थित रूसी दूतावास के अनुसार, पुतिन और मोदी हर दो महीने में संवाद करते हैं.
पुतिन और मोदी की मुलाकात
पिछले साल जुलाई में, प्रधानमंत्री मोदी को रूस द्वारा दिए गए सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया गया था, जो उनके भारत-रूस संबंधों को बढ़ावा देने में योगदान के लिए था. इसके बाद अक्टूबर में पुतिन और मोदी की मुलाकात कज़ान में हुई, जहां पुतिन ने मजाक करते हुए कहा था कि दोनों देशों के रिश्ते इतने घनिष्ठ हैं कि प्रधानमंत्री मोदी बिना अनुवाद के उनकी बात समझ सकते हैं. मोदी इस टिप्पणी पर हंसी में पड़ गए, क्योंकि पुतिन कई बार उन्हें अपना 'अच्छा दोस्त' कह चुके हैं.
भारत का रूसी संबंधों के प्रति सशक्त दृष्टिकोण
भारत रूस के साथ अपनी पारंपरिक दोस्ती को मजबूत करने में निरंतर प्रयास कर रहा है, खासकर यूक्रेन संघर्ष के बावजूद. भारत ने हमेशा यह माना है कि इस संघर्ष का समाधान मास्को और कीव के बीच बातचीत से ही निकलेगा. आने वाले समय में पुतिन की भारत यात्रा इस रिश्ते को और भी मजबूती प्रदान कर सकती है.
यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को और भी बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है. पुतिन की भारत यात्रा को लेकर उम्मीदें इस समय बहुत अधिक हैं, क्योंकि इससे भारत-रूस संबंधों के नए आयाम खुल सकते हैं.