नीट-यूजी मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. दरअसल एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक और हलफनामा दाखिल कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने आईआईटी मद्रास के निदेशक के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों का खंडनसे भी इनकार कर दियी है. एनटीए का कहना है कि निदेशक ने ही डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट तैयार की थी. एनटीए ने कहा कि किसी विशेष साल में जेईई (एडवांस्ड) आयोजित करने वाले आईआईटी निदेशक NTA गवर्निंग बॉडी के पदेन सदस्य हैं.
बता दें कि आईआईटी मद्रास ने 2024 के लिए जेईई (ए) आयोजित किया था. हालांकि, एनटीए के मुख्य कार्य प्रबंध समिति द्वारा इसे आयोजित किया जाता है. उन्होंने कहा गवर्निंग बॉडी की भूमिका सिर्फ नीतिगत मामलों में होती है. आईआईटी निदेशक ने गवर्निंग बॉडी की बैठकों में भाग लेने के लिए एक अन्य प्रोफेसर को नामित किया था और नामित व्यक्ति ने दिसंबर 2022 में अंतिम बैठक में हिस्सा लिया था.
रिपोर्ट बनाने वाले आईआईटी निदेशक ने दिसंबर 2022 के बाद से किसी भी एनटीए की आम सभा की बैठक में हिस्सा नहीं लिया है. ऐसे में आईआईटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए यह हलफनामा दाखिल किया गया है.