'संभल जरूर जाऊंगा'...यूपी बॉर्डर पर सियासी संग्राम, पुलिस के रोकने पर भड़के राहुल गांधी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी, हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने संभल जाने के लिए निकले थे. लेकिन उनके काफिले को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया. इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

संभल में हाल ही में हुए विवाद के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. जामा मस्जिद में हो रहे सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से संभल में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. इस बीच आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संभल दौरे के लिए रवाना हुए थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया है. उनके काफिले को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया.

इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा, "हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत राहुल गांधी को संभल जाने का अधिकार है। सरकार हमें क्यों रोक रही है? वे क्या छिपाना चाहते हैं?"

संभल में कड़ी सुरक्षा का इंतजाम

संभल में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने जिले की सीमाएं सील कर दी हैं. वाहनों और संदिग्ध व्यक्तियों की सघन चेकिंग की जा रही है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और हापुड़ के छजारसी टोल प्लाजा पर भी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने कहा कि 10 दिसंबर तक जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक है. हालांकि, इस रोक के बावजूद कुछ कांग्रेस नेता मंगलवार को संभल पहुंचकर मृतकों के परिवारों से मिल चुके हैं.

हिंसा का कारण और प्रशासन की कार्रवाई

बता दें कि करीब 10 दिन पहले जामा मस्जिद में हो रहे सर्वे के दौरान अचानक हिंसा भड़क उठी थी. उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. इसके बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और अफवाहों पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए गए.

राहुल गांधी की जिद

राहुल गांधी ने स्पष्ट किया है कि वह हर हाल में पीड़ित परिवारों से मिलेंगे और उनकी आवाज संसद में उठाएंगे. कांग्रेस पार्टी ने इसे सरकार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया है.संभल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच तनाव बना हुआ है. ऐसे में कायास लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है.

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04 December 2024, 12:04 PM IST

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