हाथरस जा सकते हैं राहुल गांधी! भगदड़ में मरने वाले लोगों के परिजनों से करेंगे मुलाकात
Rahul Gandhi: विपक्ष के नेता राहुल गांधी यूपी के हाथरस जाने के बारे में सोच रहे हैं. इस बात की जानकारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी है. उन्होंने राहुल गांधी के बारे में कहा कि विपक्ष के नेता हाथरस जाने और भगदड़ से प्रभावित लोगों से बातचीत करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हाथरस जाने की योजना बना रहे हैं. वह वहां जाएंगे और प्रभावित लोगों से बातचीत करेंगे.
Rahul Gandhi Visit Hathras: हाथरस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है. जांच आयोग की अगुवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे. जबकि, 2 पूर्व अफसरों को आयोग में सदस्य के तौर पर रखा गया है. सरकार ने आयोग को 2 महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा है. इस बीच खबर आई है कि, सीएम योगी आदित्यनाथ और कई मंत्रियों के घटनास्थल का दौरा करने के बाद कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हाथरस का दौरा करेंगे.
कांग्रेस के महासचिव वेणुगोपाल ने बताया कि, राहुल गांधी हाथरस में भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे और दुख दर्द समझेंगे. हाथरस में हुए हादसे को लेकर दुख जताते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, राहुल गांधी भी हाथरस जाने का विचार कर रहे हैं. जल्द ही वो वहां जाएंगे और पीड़ितों से उनका हाल जानेंगे.
प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर उठाया सवाल
हाथरस घटना को लेकर प्रियंका गांधी ने भी अपना बयान दिया है. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक ट्वीट किया है जिसमें लिखा है, अनुमति से तीन गुना ज्यादा भीड़, मौके पर प्रशासन नहीं, भीड़ मैनेजमेंट का इंतजाम नहीं, भीषण गर्मी से बचने का कोई उपाय नहीं, कोई मेडिकल टीम नहीं, घटना के बाद एंबुलेंस नहीं, मदद के लिए फोर्स नहीं, अस्पताल में डॉक्टर और सुविधाएं नहीं. लापरवाहियों की इतनी लंबी लिस्ट लेकिन किसी की कोई जवाबदेही नहीं. हाथरस में जो दुखद घटना घटी, उसका जिम्मेदार कौन है? कभी पुल गिरने से, कभी ट्रेन एक्सीडेंट से, कभी भगदड़ से सैकड़ों मौतें होती हैं. लीपापोती करने की बजाए सरकार का दायित्व होता है कि कार्रवाई करे और ऐसे हादसों को रोकने की योजना तैयार करें. मगर जवाबदेही तय होती नहीं है और ऐसे हादसे होते रहते हैं. यह बहुत दुखद स्थिति है.
अनुमति से तीन गुना ज्यादा भीड़, मौके पर प्रशासन नहीं, भीड़ मैनेजमेंट का इंतजाम नहीं, भीषण गर्मी से बचने का कोई उपाय नहीं, कोई मेडिकल टीम नहीं, घटना के बाद एंबुलेंस नहीं, मदद के लिए फोर्स नहीं, अस्पताल में डॉक्टर और सुविधाएं नहीं... लापरवाहियों की इतनी लंबी लिस्ट लेकिन किसी की…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 3, 2024
राजद नेता मनोज झा ने भी लगाया बड़ा आरोप
इस बीच, राजद नेता मनोज झा ने कहा कि भगदड़ की जांच के लिए गठित पैनल सिर्फ दिखावा है. झा ने कहा कि भगदड़ की जांच के लिए गठित पैनल महज दिखावा है. मंगलवार को एक धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि, "ऐसी दुर्घटनाओं के लिए कितनी समितियां गठित की गई हैं? हम सभी जानते हैं कि 2 दिनों के बाद इस मामले पर कोई चर्चा नहीं होगी. यह देश दुर्घटनाओं का देश बन गया है. क्या शहर के स्थानीय प्रशासन को भीड़ की जानकारी नहीं थी?.उन्होंने कहा, ''यह सब सिर्फ दिखावा है.
हाथरस में कैसे मची भगदड़
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, यह घटना उपदेशक भोले बाबा द्वारा संबोधित एक धार्मिक सभा में हुई. जब सत्संग समाप्त हो गया और बाबा जाने लगे तो उनके अनुयायी उसके पैरों की धूल लेने के लिए उत्सुक हुए. भीड़ इतनी हुई की एक के बाद लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. उसके बाद यहां अफरा तफरी मच गई और लाशों की ढेर लगने लगी. कार्यक्रम के आयोजकों ने 80,000 लोगों के एकत्र होने की अनुमति ले ली थी लेकिन, 2.5 लाख से अधिक लोग आये थे. कार्यक्रम स्थल पर ड्यूटी पर मौजूद उत्तर प्रदेश पुलिस की कांस्टेबल शीला मौर्य ने घटना के लिए भीड़भाड़ को जिम्मेदार ठहराया है.