राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर दिया विवादित बयान, नासिक कोर्ट ने भेजा समन!
Rahul Gandhi Controversial Statement: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नासिक की एक अदालत ने तलब किया है. यह मामला वीर सावरकर पर की गई उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राहुल ने सावरकर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है. अब राहुल को अदालत में पेश होना होगा. क्या यह मामला भारतीय राजनीति में नई बहस को जन्म देगा? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
Rahul Gandhi Controversial Statement: महाराष्ट्र के नासिक जिले की एक अदालत ने राहुल गांधी को समन जारी किया है. यह समन वीर सावरकर पर की गई उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में है. शिकायतकर्ता, जो एक गैर सरकारी संगठन के निदेशक हैं उन्होनें आरोप लगाया है कि राहुल ने सावरकर की प्रतिष्ठा को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया है.
दरअसल इस मामले की शुरुआत तब हुई जब शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने हिंगोली में राहुल की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और नवंबर 2022 में दिए गए भाषण को देखा. राहुल गांधी ने इन मौकों पर सावरकर के बारे में कुछ विवादास्पद बातें कहीं थी. उन्होंने सावरकर को 'भाजपा और आरएसएस का जिन्न' कहा, जिसे शिकायतकर्ता ने अपमानजनक बताया.
राहुल को कोर्ट में पेश होने का आदेश
इसके अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपाली परिमल कडुस्कर ने 27 सितंबर को राहुल गांधी को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया. कोर्ट ने कहा कि प्रस्तुत साक्ष्यों के अनुसार, राहुल के बयानों से एक देशभक्त व्यक्ति की छवि धूमिल होने का संकेत मिलता है. मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार हैं, जिसके तहत राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 504 (जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया.
सावरकर की छवि को लेकर बहस
शिकायतकर्ता का कहना है कि राहुल गांधी ने सावरकर के योगदान को नजरअंदाज किया और लोगों के बीच में उनके खिलाफ गलत धारणा बनाई. उन्होंने बताया कि सावरकर ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनके कार्यों को नकारात्मक तरीके से पेश किया गया. शिकायतकर्ता का दावा है कि राहुल ने यह कहा कि सावरकर ने ब्रिटिश सरकार के लिए काम करने का वादा किया था, जो पूरी तरह से गलत है.
मामले की अगली सुनवाई
राहुल गांधी को अब मामले की अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से या अपने कानूनी प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होना होगा. यह मामला केवल राहुल गांधी के लिए एक कानूनी चुनौती नहीं है, बल्कि सावरकर की छवि और उनके योगदान को लेकर चल रही बहस को भी और बढ़ा देगा.
राजनीति में नई चर्चाएं
इस विवाद ने न केवल राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया है, बल्कि समाज में एक नई चर्चा भी शुरू कर दी है. अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी इस मामले में अपनी स्थिति कैसे स्पष्ट करते हैं और क्या यह मामला भारतीय राजनीति में किसी नई हलचल का कारण बनेगा.