Lok Sabha: लोकसभा में रक्षा संबंधी स्थायी समिति के लिए नामित हुए राहुल गांधी, आप सांसद का नाम भी शामिल
Lok Sabha: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पीपी मोहम्मद फैजल को उपभोक्ता मामले, भोजन और सार्वजनिक वितरण समिति के लिए नामित किया गया है. इसी साल मार्च में अयोग्य ठहराए जाने से पहले तक राहुल गांधी रक्षा संबंधी स्थायी समिति के ही सदस्य थे.
हाइलाइट
- अयोग्य ठहराए जाने से पहले तक राहुल गांधी थे स्थायी समिति सदस्य
- आप सांसद सुशील कुमार रिंकू को भी सदस्य के रूप में किया गया नामित
- सात अगस्त को बहाल हुई थी राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता
Rahul Gandhi Nominated: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड सांसद राहुल गांधी को लोकसभा ने रक्षा संबंधी संसद के स्थायी समिति के सदस्य के रूप में नामित किया है. लोकसभा सदस्यता बहाल होने के कुछ दिनों बाद बुधवार को उन्हें स्थायी समिति में जगह दी गई है. लोकसभा बुलेटिन के अनुसार कांग्रेस सांसद अमर सिंह को भी समिति का सदस्य बनाया गया है.
आप और रांकपा सांसद को भी किया गया नामित
आम आदमी पार्टी के नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू को कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण समिति के लिए नामित किया गया है. बता दें कि रिंकू ने हाल ही में जालंधर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी और वह संसद के निचले सदन में आप के एकमात्र सदस्य भी हैं.
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पीपी मोहम्मद फैजल को उपभोक्ता मामले, भोजन और सार्वजनिक वितरण समिति के लिए नामित किया गया है. इसी साल मार्च में अयोग्य ठहराए जाने से पहले तक राहुल गांधी रक्षा संबंधी स्थायी समिति के ही सदस्य थे.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बहाल हुई सदस्यता
‘मोदी सरनेम को लेकर दिए गया बयान के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के तीन दिन बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सात अगस्त को बहाल कर दी गई थी.
उच्चतम न्यायालय ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर, शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगा दी थी.
गुजरात HC ने सजा पर रोक लगाने से किया था इंकार
गुजरात उच्च न्यायालय ने पहले अपने आदेश में आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें राहुल को 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर सूरत अदालत ने दो साल जेल की सजा सुनाई थी. गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.