PM मोदी के मुकाबले राहुल गांधी की रेटिंग बढ़ी, विपक्ष में भी सबसे आगे

PM Modi Rahul Gandhi Rating: देश में अब 4 राज्यों में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. 2 के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. हालांकि, 2 राज्यों के लिए तारीखों का ऐलान बाकी है. इस बीच इंडिया टुडे का मूड ऑफ द नेशन सर्वे आया है. इसे पिछले सर्वे से तुलना करने पर दिलचस्प संकेत मिल रहे हैं. राहुल गांधी की लोकप्रियता में भारी बूम आ रहा है. हालांकि, PM मोदी को चाहने वालों की संख्या गिरी है.

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PM Modi Rahul Gandhi Rating: पहली बार PM मोदी की रेटिंग 50% से नीचे आई है. उनके बाद प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी सबसे आगे नजर आ रहे हैं. भारत के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे उपयुक्त नेता के सवाल पर 49 फीसदी लोगों ने PM मोदी को ही नेता माना है. वहीं राहुल गांधी के पक्ष में पिछली बार से 22% अधिक लोग आए हैं. इस तरह वो अब PM मोदी के सबसे करीब पहुंच गए हैं. इससे पहले हुई सर्वे में भी PM मोदी के चाहने वालों में 7.3% की कमी आई थी.

नेता प्रतिपक्ष का काम कैसा है?

विपक्ष के नेता राहुल गांधी का कद बढ़ा है. 51% लोगों ने उनके प्रदर्शन को या तो उत्कृष्ट या अच्छा माना है. संसद के बजट सत्र में गांधी हमलावर मुद्रा में दिखे और भाजपा समेत उसके शीर्ष नेता बैकफुट पर रहे. इस सर्वेक्षण के अनुसार, गांधी को हिंदू विरोधी और अन्य नामों से चित्रित करने का अभियान उल्टा पड़ गया है.

विपक्षी नेताओं में कितना दम

अन्य विपक्षी नेताओं की तुलना में राहुल गांधी की प्राथमिकता स्पष्ट हुई है. विपक्ष के नेता के रूप में उनकी रेटिंग 32% हो गई है. जो पिछली बार 21% थी. वहीं अखिलेश यादव 8% के साथ दूसरे स्थान पर हैं. हालांकि अखिलेश यादव की रेटिंग में भी 4% की उछाल आया है.

पीएम के लिए कौन कहां?

  • PM मोदी के बाद भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी को सबसे आगे देखा जा रहा है
  • 29% लोगों ने PM मोदी के बाद राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहा है
  • दूसरे नंबर पर गृह मंत्री अमित शाह है. उनके पक्ष में 20% लोग खड़े हैं.
  • योगी आदित्यनाथ के पक्ष में 19% लोगों ने अपना मत जाहिर किया है
  • वहीं नितिन गडकरी को 13% लोग प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं

एजेंसियों के दुरुपयोग पर क्या बोले लोग?

ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग का दुरुपयोग को लेकर 46 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार ऐसा कर रही है. हालांकि, 38% लोगों का मानना है कि सभी सरकारें ये करती है. पिछले सर्वे में केवल 43% लोगों का मानना था कि केंद्र सरकार ऐसा करती है.

बड़े व्यवसायों के लिए आर्थिक नीतियां

फरवरी में हुए MOTN पोल में बताया गया था कि 52% लोगों का मानना था कि मौजूदा आर्थिक नीतियां बड़े व्यवसायों के लिए हैं. अब ऐसा मानने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है और 58% लोग मान रहे हैं कि आर्थिक नीतियां बड़े व्यवसायों के लिए हैं.

जाति जनगणना और किसान

जाति जनगणना के लिए 74% साथ खड़े होने को तैयार है. इससे पहले फरवरी में 59% लोगों ने कहा था कि जाति जनगणना होनी चाहिए. वहीं किसानों की प्रमुख मांग का समर्थन करने वालों की संख्या करीब 74 फीसदी पहुंच गई है. बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि किसानों को कानूनी अधिकार के रूप में MPS मिलना चाहिए.

First Updated : Monday, 26 August 2024