Rahul Gandhi: किसान आंदोलन के बीच राहुल गांधी का ऐलान, कांग्रेस देगी MSP की कानूनी गारंटी
Farmer Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून सहित अपनी तमाम मांगों को लेकर किसान ने दिल्ली की ओर कूच कर लिया है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों के लिए एमएसपी कानूनी की गारंटी देगी.
Rahul Gandhi Amid Farmers Protest: राहुल गांधी ने आज मंगलवार, (13 फरवरी) को किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. किसान आंदोलन के बीच उन्होंने घोषणा की है कि कांग्रेस हर एक किसान को कानूनी गारंटी देगी. जिसके तहत उन्हें स्वामीनाथन आयोग के अनुसार उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलेगा. कांग्रेस नेता द्वारा इस गारंटी की घोषणा उस वक्त की गई है जब एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. लगभग 200 किसान यूनियनों ने दिल्ली चलो का ऐलान कर दिया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है... कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार एमएसपी की कानून गारंटी देने का फैसला लिया है. यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा. न्याय के पत पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है.
खरगे ने कहा यह हमारी पहली गारंटी है
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' से जुड़े एक कार्यक्रम में बोलते हुए इसी तरह की गारंटी दी. खड़गे ने कहा, "अगर कांग्रेस केंद्र में (लोकसभा चुनाव के बाद) सत्ता में आती है, तो वह किसानों के हित में एमएसपी की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करेगी. यह हमारी पहली गारंटी है."
किसानों के खिलाफ पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस ने किसानों के बड़े समूहों को जींद जिले में खनौरी सीमा के माध्यम से हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने के लिए आंसू गैस छोड़ी और पानी की बौछारें कीं. इससे पहले दिन में, 'दिल्ली चलो' मार्च में भाग लेने वाले किसानों को हरियाणा के अंबाला में शंभू सीमा पर इसी तरह की पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा.
'शांतिपूर्ण तरीके से हो समस्या का समाधान'
इस बीच, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने किसानों के विरोध पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए और बल का उपयोग अंतिम उपाय होना चाहिए. अदालत ने कहा कि जहां प्रदर्शनकारियों को अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार है, वहीं राज्य सरकार भी अपने नागरिकों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि उन्हें कोई असुविधा न हो.